परिचय
छठ पूजा (Chhath Puja) भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है, जो विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की आराधना के लिए समर्पित होता है। छठ पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव को धन्यवाद देना और जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करना होता है।
यह पूजा चार दिनों तक चलती है, जिसमें व्रती (उपासक) कड़े नियमों का पालन करते हैं, निर्जला उपवास रखते हैं और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसे साफ-सफाई, सात्विकता और पवित्रता का पर्व भी माना जाता है।
छठ पूजा 2025 कब है? (Chhath Puja 2025 Date & Time)
छठ पूजा 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) से 2 नवंबर 2025 (रविवार) तक मनाई जाएगी।
दिन | तिथि | त्योहार का नाम |
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पहला दिन | 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) | नहाय-खाय |
दूसरा दिन | 31 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) | खरना |
तीसरा दिन | 1 नवंबर 2025 (शनिवार) | संध्या अर्घ्य |
चौथा दिन | 2 नवंबर 2025 (रविवार) | उषा अर्घ्य और पारण |
अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
अर्घ्य | समय (IST) |
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संध्या अर्घ्य (सूर्यास्त) | 1 नवंबर 2025, शाम 05:20 बजे |
उषा अर्घ्य (सूर्योदय) | 2 नवंबर 2025, सुबह 06:10 बजे |
छठ पूजा का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
छठ पूजा का संबंध भगवान सूर्य से है, जो जीवन और ऊर्जा के स्रोत माने जाते हैं। इस पूजा में प्राकृतिक तत्वों – जल, वायु, सूर्य और पृथ्वी की आराधना की जाती है।
1. सूर्य देव की उपासना
सूर्य देव को स्वास्थ्य, ऊर्जा और शक्ति का देवता माना जाता है। छठ पूजा में उनकी आराधना से बीमारियों से मुक्ति, दीर्घायु और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
2. छठी मैया की पूजा
छठी मैया को संतान सुख और सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएँ इस व्रत को श्रद्धा से करती हैं, उन्हें संतान सुख प्राप्त होता है।
3. पवित्रता और सात्विकता का पर्व
छठ पूजा में साफ-सफाई और सात्विकता का विशेष ध्यान रखा जाता है। यह पर्व तन, मन और आत्मा की शुद्धि के लिए विशेष माना जाता है।
छठ पूजा की पौराणिक कथा (Chhath Puja Vrat Katha)
1. रामायण से जुड़ी कथा
मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम और माता सीता 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे, तो उन्होंने कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन उपवास रखकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया। तभी से इस व्रत को छठ पर्व के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई।
2. महाभारत से जुड़ी कथा
महाभारत में भी छठ पूजा का उल्लेख मिलता है। कहा जाता है कि कुंती ने सूर्य देव की उपासना करके कर्ण को जन्म दिया था। कर्ण भी सूर्य के परम भक्त थे और वे प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देते थे।
3. छठी मैया और संतान सुख की कथा
एक अन्य कथा के अनुसार, प्राचीन काल में राजा प्रियंवद को संतान नहीं थी। उन्होंने महार्षि कश्यप के कहने पर छठी देवी की पूजा की, जिससे उन्हें संतान प्राप्त हुई। तभी से छठ पूजा को संतान सुख और परिवार की समृद्धि के लिए किया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है।
छठ पूजा की विधि (Chhath Puja Vidhi in Detail)
छठ पूजा चार दिन चलने वाला पर्व है, जिसमें हर दिन की अलग-अलग विधि होती है।
1. नहाय-खाय (पहला दिन – 30 अक्टूबर 2025)
- इस दिन व्रती गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं।
- घर को अत्यंत साफ-सुथरा रखा जाता है और सात्विक भोजन बनाया जाता है।
- व्रती केवल एक समय भोजन करते हैं, जिसमें कद्दू-भात (लौकी, अरवा चावल और चने की दाल) का सेवन किया जाता है।
2. खरना (दूसरा दिन – 31 अक्टूबर 2025)
- इस दिन पूरा दिन उपवास रखा जाता है और शाम को विशेष प्रसाद बनाया जाता है।
- गुड़ की खीर, रोटी और फल का भोग लगाकर व्रतधारी इसे ग्रहण करते हैं।
- इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है।
3. संध्या अर्घ्य (तीसरा दिन – 1 नवंबर 2025)
- इस दिन व्रती सूर्यास्त के समय जल में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
- प्रसाद में ठेकुआ, फल, गन्ना और नारियल चढ़ाया जाता है।
- छठ गीत गाए जाते हैं और पूरी रात भजन-कीर्तन किया जाता है।
4. उषा अर्घ्य और पारण (चौथा दिन – 2 नवंबर 2025)
- सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है।
- पूजा के बाद व्रत तोड़ा जाता है और प्रसाद का वितरण किया जाता है।
छठ पूजा में बनाए जाने वाले प्रमुख प्रसाद (Prasad in Chhath Puja)
- ठेकुआ – गेंहू के आटे, गुड़ और घी से बना विशेष प्रसाद।
- गन्ना, केला और नारियल – छठ पूजा का महत्वपूर्ण भाग।
- गुड़ की खीर और चावल के लड्डू।
- सिंगाड़े का हलवा।
छठ पूजा के विशेष उपाय (Chhath Puja Ke Upay)
- अगर संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो, तो छठी मैया की विशेष पूजा करें।
- नौकरी और व्यवसाय में उन्नति के लिए सूर्य को प्रतिदिन जल चढ़ाएँ।
- शरीर में ऊर्जा और रोगों से बचाव के लिए उगते सूर्य को अर्घ्य दें।
- घर में सुख-समृद्धि के लिए छठ के प्रसाद का सेवन करें और बाँटें।
निष्कर्ष
छठ पूजा सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्तिभाव का पर्व है। इस पर्व की विशेषता यह है कि इसमें कोई मूर्ति पूजा नहीं होती, बल्कि प्रकृति और सूर्य देव की उपासना की जाती है।
इस छठ पूजा 2025 को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएँ और सूर्य देव व छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त करें। 🙏✨