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Aaj Kya Hai > धर्म संसार > तिथि > लक्ष्मी जयंती 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि, कथा और लाभ

लक्ष्मी जयंती 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि, कथा और लाभ

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लक्ष्मी जयंती 2025 का महत्व और धार्मिक प्रभाव

लक्ष्मी जयंती (Lakshmi Jayanti) माँ लक्ष्मी के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। हिंदू धर्म में माँ लक्ष्मी को धन, समृद्धि, वैभव और सौभाग्य की देवी माना जाता है। यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो होली के त्योहार से ठीक पहले आती है। इस दिन विशेष रूप से विष्णु और लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह दिन अच्छे भाग्य, आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है।

लक्ष्मी जयंती का उल्लेख कई पुराणों में मिलता है, जिसमें बताया गया है कि माँ लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं। इस दिन किए गए दान, व्रत और पूजा-पाठ से भक्तों को आर्थिक उन्नति, व्यापार में वृद्धि और पारिवारिक सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

लक्ष्मी जयंती 2025 कब है? (Lakshmi Jayanti 2025 Date & Time)

लक्ष्मी जयंती 2025 में 14 मार्च (शुक्रवार) को मनाई जाएगी। इस दिन फाल्गुन पूर्णिमा पड़ रही है, जो कि माँ लक्ष्मी की आराधना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।

घटनासमय (IST)
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ14 मार्च 2025, सुबह 09:15 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त15 मार्च 2025, सुबह 07:30 बजे
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त14 मार्च 2025, शाम 07:00 बजे से रात 09:30 बजे तक

इस दिन शुभ मुहूर्त में माँ लक्ष्मी की विशेष पूजा और हवन करने से अधिकतम लाभ प्राप्त होता है।

लक्ष्मी जयंती की पौराणिक कथा (Lakshmi Jayanti Vrat Katha)

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, माँ लक्ष्मी का जन्म समुद्र मंथन के दौरान हुआ था।

समुद्र मंथन और माँ लक्ष्मी का प्राकट्य

एक बार देवताओं और असुरों के बीच अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन हुआ। मंथन के दौरान 14 रत्न निकले, जिनमें से एक माँ लक्ष्मी थीं, जो कमल के फूल पर विराजमान थीं। माँ लक्ष्मी को भगवान विष्णु ने अपने हृदय स्थान में स्थान दिया और तब से वे संपूर्ण सृष्टि की पालनकर्ता और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी बनीं।

एक अन्य कथा के अनुसार, जब राजा बलि ने तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया, तो माँ लक्ष्मी ने वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु की सहायता से राजा बलि को पाताल लोक भेजा और पुनः देवताओं को उनका स्थान दिलाया। इसलिए, लक्ष्मी जयंती पर भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की संयुक्त पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

लक्ष्मी जयंती व्रत करने के लाभ (Lakshmi Jayanti Vrat Benefits)

  1. धन-संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति: इस व्रत को करने से व्यापार, नौकरी और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
  2. कर्ज से मुक्ति: माँ लक्ष्मी की कृपा से ऋण मुक्ति और वित्तीय स्थिरता प्राप्त होती है।
  3. सकारात्मक ऊर्जा और शांति: माँ लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  4. शत्रु और बाधाओं से मुक्ति: यह व्रत शत्रुओं पर विजय दिलाने और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है।
  5. वैवाहिक सुख और परिवार में शांति: जिन लोगों का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं चल रहा, वे इस दिन विशेष रूप से माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें।

लक्ष्मी जयंती की पूजा विधि (Lakshmi Jayanti Puja Vidhi)

  1. स्नान और संकल्प: प्रातःकाल गंगा जल से स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और माँ लक्ष्मी की पूजा का संकल्प लें।
  2. माँ लक्ष्मी का पूजन करें: माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के सामने घी का दीपक जलाएँ और उन्हें गुलाब, कमल और तुलसी पत्र अर्पित करें।
  3. लक्ष्मी मंत्र का जाप करें:
    • “ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप 108 बार करें।
    • श्री सूक्त, लक्ष्मी चालीसा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  4. धूप-दीप, चंदन, अक्षत, केसर, हल्दी और दूध से माँ लक्ष्मी का अभिषेक करें।
  5. संपत्ति और धन वृद्धि के लिए विशेष उपाय करें: इस दिन घर के उत्तर-पूर्व दिशा में केसर, हल्दी और चंदन से माँ लक्ष्मी का चित्र बनाएँ।
  6. लक्ष्मी सहस्त्रनाम का पाठ करें और दीपदान करें।
  7. भोग अर्पण करें: माँ लक्ष्मी को मिठाई, नारियल, खीर, पान-सुपारी और मेवे का भोग लगाएँ।
  8. विष्णु भगवान की पूजा करें: माँ लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की आराधना करना अति शुभ माना जाता है।

लक्ष्मी जयंती पर किए जाने वाले विशेष उपाय (Lakshmi Jayanti Ke Upay)

  1. घर के मुख्य द्वार पर रंगोली और दीप जलाएँ: यह माँ लक्ष्मी को आकर्षित करता है।
  2. चांदी के सिक्के और लाल कपड़े में बंधे चावल का दान करें: इससे धन में वृद्धि होती है।
  3. गाय को चारा खिलाएँ और गरीबों को अन्नदान करें: यह पुण्यदायी होता है।
  4. रात में चंद्रमा को अर्घ्य दें और “ॐ चंद्राय नमः” मंत्र का जाप करें: इससे धन लाभ होता है।
  5. पीली वस्तुओं का दान करें: यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने में सहायक होता है।

लक्ष्मी जयंती 2025 के लिए शुभकामना संदेश और शायरी

  1. “माँ लक्ष्मी की कृपा से आपका घर धन, धान्य और समृद्धि से भर जाए। लक्ष्मी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ!”
  2. “जो सच्चे मन से माँ लक्ष्मी की पूजा करता है, उसे कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती। लक्ष्मी जयंती की मंगलकामनाएँ!”
  3. “माँ लक्ष्मी के आशीर्वाद से आपके जीवन में अपार समृद्धि और सुख-शांति आए। जय माँ लक्ष्मी!”
  4. “लक्ष्मी जयंती के शुभ अवसर पर माँ लक्ष्मी आपके घर में स्थायी रूप से वास करें!”
  5. “माँ लक्ष्मी आपके जीवन में खुशियों की बरसात करें और हर मनोकामना पूरी करें। लक्ष्मी जयंती मुबारक हो!”

निष्कर्ष

लक्ष्मी जयंती 2025 केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि धन, समृद्धि और सुख-शांति का आह्वान करने का दिन है। इस दिन की गई पूजा से आर्थिक उन्नति, मानसिक शांति और आध्यात्मिक समृद्धि प्राप्त होती है। जो भी श्रद्धालु इस दिन सच्चे मन से माँ लक्ष्मी का पूजन करता है, उसे कभी धन-संपत्ति और सौभाग्य की कमी नहीं होती। आइए, इस लक्ष्मी जयंती को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएँ और माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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