विजयादशमी (Vijayadashami), जिसे दशहरा (Dussehra) भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है। यह दिन असत्य पर सत्य की विजय और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है।
यह त्योहार विशेष रूप से भगवान श्रीराम द्वारा रावण के वध और माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर के संहार की स्मृति में मनाया जाता है। यह पर्व नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव के बाद आता है, और इसे अत्यंत शुभ एवं विजय का प्रतीक माना जाता है।
दशहरा पूरे भारत में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। उत्तर भारत में रामलीला का मंचन किया जाता है, पश्चिम बंगाल में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन, जबकि दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में शस्त्र पूजन एवं विद्या आरंभ की परंपरा होती है।
विजयादशमी 2025 कब है? (Vijayadashami 2025 Date & Time)
विजयादशमी 3 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) को मनाई जाएगी।
घटना | समय (IST) |
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दशमी तिथि प्रारंभ | 2 अक्टूबर 2025, रात 07:15 बजे |
दशमी तिथि समाप्त | 3 अक्टूबर 2025, शाम 06:40 बजे |
विजय मुहूर्त | 3 अक्टूबर 2025, दोपहर 02:00 बजे से 02:45 बजे तक |
अपराजिता पूजन मुहूर्त | 3 अक्टूबर 2025, दोपहर 02:00 बजे से 03:15 बजे तक |
विजयादशमी का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
1. भगवान श्रीराम द्वारा रावण का वध
रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम ने नवरात्रि के नौ दिनों तक माँ दुर्गा की आराधना की थी। दसवें दिन, उन्होंने रावण का वध किया और माता सीता को मुक्त कराया। इसलिए, इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है।
2. माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध
दुर्गा सप्तशती के अनुसार, माँ दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध किया और दसवें दिन उसे पराजित किया। इसलिए, विजयादशमी को महिषासुर मर्दिनी की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।
3. विद्या आरंभ (अक्षरारंभ) का शुभ दिन
इस दिन विद्या आरंभ (अक्षराभ्यास) करना अत्यंत शुभ माना जाता है। खासकर दक्षिण भारत में इस दिन बच्चों को पहली बार पढ़ाई शुरू करवाई जाती है।
4. शस्त्र पूजन और कार्यों की नई शुरुआत
- इस दिन युद्ध, प्रशासन, व्यवसाय और अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोग अपने औजारों और शस्त्रों की पूजा करते हैं।
- व्यापारी और किसान अपने व्यवसाय एवं कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं।
- इस दिन नया कार्य, व्यापार या शिक्षा आरंभ करना बेहद शुभ माना जाता है।
विजयादशमी की पूजा विधि (Vijayadashami Puja Vidhi)
1. नवरात्रि पूजन और विसर्जन
- नवरात्रि के अंतिम दिन, माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।
- लोग अपने घरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं और देवी माँ को धन्यवाद देते हैं।
2. शस्त्र पूजन
- इस दिन शस्त्रों, औजारों, वाहनों और व्यापारिक साधनों की विशेष पूजा की जाती है।
- भगवान राम और माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शस्त्रों पर हल्दी, कुमकुम और फूल चढ़ाए जाते हैं।
3. रामलीला और रावण दहन
- उत्तर भारत में दशहरा के दिन रामलीला का मंचन किया जाता है और रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है।
- यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
4. अपराजिता पूजन
- इस दिन देवी अपराजिता की पूजा करने से शत्रु भय समाप्त होता है और जीवन में विजय प्राप्त होती है।
5. शमी वृक्ष पूजन
- पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान अपने शस्त्र शमी वृक्ष में छिपाए थे, और विजयादशमी के दिन उनका पुनः प्रयोग किया।
- इसलिए, इस दिन शमी के वृक्ष की पूजा की जाती है और इसे विजय का प्रतीक माना जाता है।
विजयादशमी व्रत करने के लाभ (Vijayadashami Vrat Benefits)
- जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।
- दुश्मनों पर विजय प्राप्त होती है और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
- नया कार्य और शिक्षा शुरू करने के लिए अत्यंत शुभ दिन है।
- व्यापार और नौकरी में उन्नति होती है।
- रोगों से मुक्ति और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
विजयादशमी पर किए जाने वाले विशेष उपाय (Vijayadashami Ke Upay)
- रावण दहन देखने के बाद माँ दुर्गा और श्रीराम का ध्यान करें – इससे जीवन की नकारात्मकता समाप्त होती है।
- इस दिन शस्त्र और औजारों की पूजा करें – इससे व्यापार और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है।
- बच्चों को पढ़ाई शुरू करवाने के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है – अक्षरारंभ करवाएँ।
- घर के मुख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्ते लगाएँ – इससे बुरी शक्तियाँ प्रवेश नहीं करतीं।
- शमी वृक्ष के नीचे दीप जलाएँ और पूजा करें – इससे शत्रु भय समाप्त होता है।
विजयादशमी 2025 के लिए शुभकामना संदेश और शायरी
- “अधर्म पर धर्म की जीत, बुराई पर अच्छाई की विजय, दशहरे के इस पावन अवसर पर आपके जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ आएं!”
- “रावण के दस सिरों की तरह, आपके जीवन की सारी समस्याएँ भी नष्ट हो जाएं! विजयादशमी की शुभकामनाएँ!”
- “सफलता आपके कदम चूमे, खुशियाँ आपके द्वार आएं, विजयादशमी के इस शुभ अवसर पर, शुभकामनाओं के साथ यह पर्व मनाएं!”
- “दशहरे का यह पर्व हमें सिखाता है कि हर अंधकार के बाद उजाला आता है। शुभ विजयादशमी!”
- “शक्ति, ज्ञान और विजय का यह पावन पर्व आपके जीवन में नई ऊर्जा और समृद्धि लाए!”
निष्कर्ष
विजयादशमी असत्य पर सत्य की विजय, अहंकार पर विनम्रता और अंधकार पर प्रकाश का प्रतीक है। इस दिन की गई पूजा, व्रत और धार्मिक कार्यों से जीवन में सफलता, समृद्धि और विजय प्राप्त होती है।
इस विजयादशमी 2025 को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएँ और भगवान श्रीराम तथा माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें। 🙏✨