यम द्वितीया 2025 का महत्व और धार्मिक प्रभाव
यम द्वितीया (Yam Dwitiya) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भाई दूज के रूप में भी जाना जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है और भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित होता है।
यम द्वितीया का उल्लेख हिंदू धर्मशास्त्रों में मिलता है, जिसमें कहा गया है कि इस दिन भगवान यमराज अपनी बहन यमुनाजी के घर आए थे। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक कर उनकी लंबी उम्र और सफलता की कामना करती हैं। इसी कारण इसे “यम द्वितीया” कहा जाता है।
इस दिन किए गए दान-पुण्य, तिलक, भोजन और पूजन से मृत्यु भय समाप्त होता है और भाई को दीर्घायु प्राप्त होती है। यह पर्व रक्षा बंधन के समान ही भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है।
यम द्वितीया 2025 कब है? (Yam Dwitiya 2025 Date & Time)
यम द्वितीया 2025 में 2 नवंबर (रविवार) को मनाई जाएगी।
घटना | समय (IST) |
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द्वितीया तिथि प्रारंभ | 1 नवंबर 2025, रात 11:45 बजे |
द्वितीया तिथि समाप्त | 2 नवंबर 2025, रात 10:25 बजे |
तिलक और पूजा का शुभ मुहूर्त | 2 नवंबर 2025, सुबह 09:15 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक |
यम द्वितीया की पौराणिक कथा (Yam Dwitiya Vrat Katha)
भगवान यमराज और यमुनाजी की कथा
पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान सूर्यदेव और देवी संज्ञा के पुत्र यमराज और यमुनाजी भाई-बहन थे। यमुनाजी अपने भाई यमराज से बहुत प्रेम करती थीं और उन्हें बार-बार अपने घर आने का निमंत्रण देती थीं, लेकिन यमराज अपने कार्यों में व्यस्त रहते थे।
कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी के घर पहुँचे। यमुनाजी ने प्रेमपूर्वक अपने भाई का स्वागत किया, उन्हें तिलक लगाया और स्वादिष्ट भोजन कराया।
यमराज इस प्रेम और सेवा से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने वरदान दिया कि जो भी भाई इस दिन अपनी बहन के हाथों से प्रेमपूर्वक तिलक कराएगा और भोजन ग्रहण करेगा, उसे मृत्यु भय नहीं रहेगा और उसकी आयु लंबी होगी।
इसी कारण, यम द्वितीया पर बहनें अपने भाइयों के तिलक करके उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
यम द्वितीया पूजा विधि (Yam Dwitiya Puja Vidhi)
- स्नान और संकल्प:
- बहनें और भाई प्रातः स्नान कर नए या स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- बहनें अपने भाई की दीर्घायु और समृद्धि की कामना का संकल्प लें।
- पूजा की तैयारी:
- बहनें चावल, रोली, फूल, दीपक और मिठाई से सजी पूजा की थाली तैयार करें।
- घर के मंदिर में भगवान यमराज और यमुनाजी की पूजा करें।
- भाई को तिलक और आरती:
- बहनें अपने भाइयों के माथे पर चंदन, रोली और अक्षत से तिलक लगाएँ।
- दीपक जलाकर आरती करें और रक्षा सूत्र बाँधें।
- मिठाई और भोजन:
- भाई को मिठाई खिलाएँ और घर का बना शुद्ध भोजन कराएँ।
- विशेष रूप से उड़द दाल, चावल, पान, सुपारी, नारियल और मिठाई का भोग लगाया जाता है।
- उपहार और आशीर्वाद:
- भाई बहन को उपहार देता है और जीवनभर उसकी रक्षा करने का वचन देता है।
- बहन अपने भाई को आशीर्वाद देती है कि वह दीर्घायु और सफल हो।
यम द्वितीया व्रत करने के लाभ (Yam Dwitiya Vrat Benefits)
- भाई की उम्र लंबी होती है और उसे मृत्यु भय नहीं रहता।
- भाई-बहन के प्रेम और स्नेह में वृद्धि होती है।
- कुंडली में अशुभ ग्रह दोषों का प्रभाव कम होता है।
- पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
- इस दिन किया गया दान-पुण्य कई जन्मों तक शुभ फल देता है।
यम द्वितीया पर किए जाने वाले विशेष उपाय (Yam Dwitiya Ke Upay)
- तुलसी के पौधे की पूजा करें – यह पितृ दोष को शांत करता है।
- सूर्य देव को जल अर्पित करें – इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
- भाई को सफेद वस्त्र पहनने की सलाह दें – यह शुभ फलदायी होता है।
- जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें – इससे भगवान यमराज प्रसन्न होते हैं।
- इस दिन उड़द दाल के पकवान बनाएँ और भाइयों को खिलाएँ।
यम द्वितीया 2025 के लिए शुभकामना संदेश और शायरी
- “यम द्वितीया का यह पावन पर्व, भाई-बहन के रिश्ते में लाए और प्यार। शुभ यम द्वितीया!”
- “तिलक का यह पावन त्योहार, भाई-बहन का रिश्ता बने अपार! शुभ यम द्वितीया!”
- “भगवान यमराज का आशीर्वाद मिले हर बार, भाई-बहन का प्यार रहे अपार!”
- “यमुनाजी का स्नेह और यमराज का आशीर्वाद, भाई-बहन का प्यार रहे सदा आबाद!”
- “सुख, समृद्धि और खुशहाली का हो संचार, यम द्वितीया की बधाई अपार!”
निष्कर्ष
यम द्वितीया भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है। इस दिन की गई पूजा, तिलक और भोजन कराने से भाई की उम्र लंबी होती है और मृत्यु भय समाप्त होता है। यह पर्व भारतीय संस्कृति में पारिवारिक प्रेम और आपसी स्नेह को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।
आइए, इस यम द्वितीया 2025 को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाएँ और अपने भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करें। 🙏🎉