आज की तिथि - Aaj ki Tithi | हिन्दू पंचांग एवं महत्व

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आज की तिथि (Aaj ki Tithi) का महत्व और सम्पूर्ण जानकारी

वैदिक ज्योतिष और हिन्दू धर्म में आज की तिथि का अत्यधिक महत्व है। यह केवल एक तारीख नहीं, बल्कि हिन्दू पंचांग का एक अभिन्न अंग है जो दिन की ऊर्जा, शुभ-अशुभ समय और करने योग्य कार्यों का मार्गदर्शन करता है। विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन या किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए सही तिथि का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस लेख में, हम "आज की तिथि" के हर पहलू को विस्तार से समझेंगे।

तिथि क्या है? (What is Tithi?)

हिन्दू काल गणना के अनुसार, 'तिथि' एक चंद्र दिवस होता है। इसकी गणना सूर्य और चंद्रमा के बीच की देशांतरीय दूरी (longitudinal angle) के आधार पर की जाती है। जब चंद्रमा सूर्य से 12 डिग्री आगे निकल जाता है, तो एक तिथि पूरी होती है। चूंकि चंद्रमा की गति बदलती रहती है, इसलिए एक तिथि की अवधि लगभग 19 से 26 घंटे तक हो सकती है। यही कारण है कि कभी-कभी एक ही दिन में दो तिथियां होती हैं (जिसे क्षय तिथि कहते हैं) या कभी कोई तिथि दो दिनों तक चलती है (जिसे वृद्धि तिथि कहते हैं)।

सभी 30 तिथियों के नाम और उनका संक्षिप्त विवरण

दोनों पक्षों में तिथियों के नाम समान होते हैं, केवल अंतिम तिथि (पूर्णिमा और अमावस्या) अलग होती है। प्रत्येक तिथि का अपना विशेष महत्व और स्वभाव होता है।

प्रतिपदा (1) - नंदा तिथि

यह तिथि वृद्धि और निर्माण से जुड़े कार्यों के लिए शुभ मानी जाती है। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को चंद्र दर्शन होता है।

द्वितीया (2) - भद्रा तिथि

विवाह, गृह निर्माण और आभूषण खरीदने जैसे स्थायी कार्यों के लिए यह उत्तम है।

तृतीया (3) - जया तिथि

यह संगीत, कला और विद्या आरंभ करने के लिए बहुत शुभ होती है। अक्षय तृतीया और हरियाली तीज जैसे पर्व इसी तिथि को होते हैं।

चतुर्थी (4) - रिक्ता तिथि

यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित है, लेकिन नए शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए इसे अच्छा नहीं माना जाता।

पंचमी (5) - पूर्णा तिथि

यह सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम है, विशेषकर स्वास्थ्य संबंधी कार्यों के लिए। नाग पंचमी और वसंत पंचमी प्रमुख त्योहार हैं।

षष्ठी (6) - नंदा तिथि

यह भगवान कार्तिकेय (स्कन्द) को समर्पित है। गृह प्रवेश और उत्सवों के لیے यह शुभ है।

सप्तमी (7) - भद्रा तिथि

यात्रा, वाहन खरीदने और विवाह जैसे कार्यों के लिए यह तिथि बहुत अच्छी मानी जाती है।

अष्टमी (8) - जया तिथि

यह तिथि विजय और शक्ति का प्रतीक है। जन्माष्टमी और दुर्गाष्टमी जैसे पर्व इस दिन मनाए जाते हैं।

नवमी (9) - रिक्ता तिथि

यह तिथि भी शुभ कार्यों, विशेषकर विवाह के लिए वर्जित मानी जाती है। राम नवमी इसका एक प्रमुख त्योहार है।

दशमी (10) - पूर्णा तिथि

यह दिशाओं की स्वामिनी है और सभी प्रकार के शुभ कार्यों, विशेषकर राजकीय कार्यों और गृह प्रवेश के लिए उत्तम है। दशहरा इसी दिन होता है।

एकादशी (11) - नंदा तिथि

यह भगवान विष्णु को समर्पित है और व्रत, उपवास और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है।

द्वादशी (12) - भद्रा तिथि

यह धार्मिक कार्यों, यज्ञ और श्राद्ध के लिए उत्तम है।

त्रयोदशी (13) - जया तिथि

इसे 'प्रदोष' भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह विजय और सफलता दायक है।

चतुर्दशी (14) - रिक्ता तिथि

यह क्रूर और उग्र कार्यों के لیے उपयुक्त मानी जाती है, लेकिन शुभ कार्यों के लिए नहीं। मासिक शिवरात्रि का व्रत इस दिन रखा जाता है।

पूर्णिमा (15 - शुक्ल पक्ष)

यह चंद्र मास का अंत है जब चंद्रमा पूर्ण होता है। यह यज्ञ, अनुष्ठान और सभी मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ है।

अमावस्या (15 - कृष्ण पक्ष)

इस दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता। यह पितरों के श्राद्ध और तर्पण के लिए सबसे महत्वपूर्ण तिथि है। शुभ कार्य इस दिन वर्जित होते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न: "आज की तिथि" का क्या अर्थ है?

उत्तर: "आज की तिथि" का अर्थ है हिन्दू चंद्र कैलेंडर के अनुसार आज का चंद्र दिवस। यह सूर्योदय के समय जो तिथि होती है, उसे ही पूरे दिन की तिथि माना जाता है, भले ही वह दिन में किसी समय बदल जाए।

प्रश्न: एक दिन में दो तिथियां कैसे हो सकती हैं?

उत्तर: जब कोई तिथि सूर्योदय के बाद शुरू होती है और अगले सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाती है, तो उसे 'क्षय तिथि' कहते हैं। ऐसी स्थिति में, पंचांग में उस तिथि का लोप हो जाता है और एक ही कैलेंडर दिन में दो तिथियां गिनी जाती हैं।

प्रश्न: शुभ कार्यों के लिए कौन सी तिथियां अच्छी मानी जाती हैं?

उत्तर: सामान्यतः द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी तिथियों को शुभ माना जाता है। हालांकि, किसी विशेष कार्य के लिए शुभ तिथि का चयन नक्षत्र और अन्य योगों पर भी निर्भर करता है। चतुर्थी, अष्टमी, नवमी और चतुर्दशी को 'रिक्ता तिथि' कहा जाता है और इनमें नए कार्य शुरू करने से बचने की सलाह दी जाती है।

प्रश्न: क्या वेबसाइट पर दी गई आज की तिथि सटीक है?

उत्तर: हाँ, हमारी वेबसाइट पर प्रदान की गई आज की तिथि (aaj ki tithi) और पंचांग की जानकारी ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है और पूरी तरह से सटीक और प्रासंगिक है। इसे नियमित रूप से अपडेट किया जाता है।

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