India ने Russia से तेल खरीद जारी रखने की घोषणा की
New Delhi, 16 अक्टूबर 2025 – India सरकार ने आज स्पष्ट किया कि वह Russia से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगी, यह कहते हुए कि देश की ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हितों के अनुसार तय होती है। यह बयान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump के हालिया बयानों के जवाब में आया है, जिन्होंने India की Russia के साथ तेल खरीद की आलोचना की थी। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि India की ऊर्जा सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, और तेल आयात के मामले में देश अपने आर्थिक और रणनीतिक लक्ष्यों को ध्यान में रखता है। इस फैसले से वैश्विक ऊर्जा बाजारों और India–America संबंधों पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
Donald Trump के बयान और India की प्रतिक्रिया
पिछले सप्ताह, Donald Trump ने एक सार्वजनिक भाषण में India की Russia से तेल खरीद की नीति पर सवाल उठाए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह पश्चिमी देशों के प्रयासों को कमजोर कर सकता है। Donald Trump के बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा शुरू कर दी, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक ऊर्जा संकट गहरा रहा है। India सरकार ने इस पर त्वरित प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने अपनी नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करना देश की अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हमारी ऊर्जा नीति पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों पर आधारित है, और हम इसे किसी बाहरी दबाव में बदलने के लिए तैयार नहीं हैं।” यह जवाब India की स्वतंत्र विदेश नीति को रेखांकित करता है, जो अक्सर वैश्विक मामलों में संतुलन बनाए रखने पर जोर देती है।
India की ऊर्जा नीति के पीछे का तर्क
India दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है, और इसकी अर्थव्यवस्था तेल आयात पर काफी हद तक निर्भर करती है। Russia से तेल खरीदने का फैसला आर्थिक और रणनीतिक कारकों से प्रेरित है। पिछले कुछ वर्षों में, Russia ने India को रियायती दरों पर तेल की आपूर्ति की है, जिससे India को ऊर्जा लागत कम करने में मदद मिली है। एक ऊर्जा विशेषज्ञ ने बताया, “India के लिए, Russia से तेल खरीदना आर्थिक रूप से व्यवहार्य विकल्प है, क्योंकि यह देश की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने में सहायक होता है।” क्या यह फैसला India की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा? विश्लेषकों का मानना है कि हां, यह विविध स्रोतों से आपूर्ति सुनिश्चित करके ऊर्जा जोखिम को कम करता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और प्रभाव
India के इस फैसले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं। America और कुछ European देशों ने चिंता जताई है कि यह Russia पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को कमजोर कर सकता है, जबकि Russia ने इसकी सराहना की है। एक American विदेश विभाग के अधिकारी ने कहा, “हम India के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं ताकि ऊर्जा सुरक्षा के मुद्दों को हल किया जा सके।” दूसरी ओर, China और अन्य Asian देशों ने India के फैसले को समझने की बात कही है, जो वैश्विक ऊर्जा बाजारों में बदलाव का संकेत देता है। यह घटना इस बात को उजागर करती है कि कैसे ऊर्जा नीतियां अंतरराष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित कर सकती हैं, और India की भूमिका इसमें कितनी महत्वपूर्ण है।
ऐतिहासिक संदर्भ और वर्तमान स्थिति
India और Russia के बीच ऊर्जा सहयोग का एक लंबा इतिहास रहा है, जो सोवियत युग से चला आ रहा है। हाल के वर्षों में, यह सहयोग और मजबूत हुआ है, खासकर 2022 के बाद से, जब वैश्विक तेल बाजारों में उथल-पुथल शुरू हुई। India ने Russia से तेल आयात बढ़ाया है, जिससे देश को महंगे तेल आयात से बचने में मदद मिली है। आंकड़ों के अनुसार, 2024 में India का Russia से तेल आयात पिछले वर्षों की तुलना में काफी बढ़ा है। यह रुझान 2025 में भी जारी है, जो India की ऊर्जा रणनीति की निरंतरता को दर्शाता है। क्या यह ऐतिहासिक संबंध भविष्य में और मजबूत होंगे? विशेषज्ञों का कहना है कि हां, क्योंकि दोनों देशों के बीच आपसी हित हैं।
आर्थिक और भू-राजनीतिक पहलू
India की Russia से तेल खरीद की नीति के पीछे गहरे आर्थिक और भू-राजनीतिक कारण हैं। आर्थिक रूप से, यह India को सस्ते तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करके मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो एक विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। भू-राजनीतिक स्तर पर, यह India को एक संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है, जहां वह पश्चिम और Russia दोनों के साथ संबंधों को बनाए रख सकता है। एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, “India की यह नीति उसकी स्वतंत्र विदेश नीति का हिस्सा है, जो किसी एक धड़े से जुड़े बिना अपने हितों को आगे बढ़ाती है।” यह दृष्टिकोण India को वैश्विक मामलों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाता है, और यह फैसला इसी का प्रतिबिंब है।
भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां
भविष्य में, India की Russia से तेल खरीद की नीति कई चुनौतियों का सामना कर सकती है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय दबाव, तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, और राजनीतिक अस्थिरता शामिल हैं। हालांकि, India सरकार ने संकेत दिया है कि वह इन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है, और ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने पर काम कर रही है। क्या India अपनी ऊर्जा नीति में बदलाव लाएगा? फिलहाल, ऐसा कोई संकेत नहीं है, और विशेषज्ञों का मानना है कि India Russia के साथ सहयोग जारी रखेगा, जब तक कि यह आर्थिक रूप से फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा, India नवीकरणीय ऊर्जा पर भी ध्यान दे रहा है, जो दीर्घकाल में ऊर्जा सुरक्षा को और मजबूत कर सकता है।
निष्कर्ष: India की ऊर्जा स्वायत्तता का संदेश
India का Russia से तेल खरीद जारी रखने का फैसला एक स्पष्ट संदेश देता है कि देश अपनी ऊर्जा नीति को राष्ट्रीय हितों के अनुसार ही तय करेगा। Donald Trump के बयान पर दिया गया जवाब इस बात को रेखांकित करता है कि India बाहरी दबावों से प्रभावित हुए बिना अपने आर्थिक और रणनीतिक लक्ष्यों को प्राथमिकता देता है। यह फैसला न केवल India की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजारों में इसकी भूमिका को भी परिभाषित करेगा। आखिरकार, क्या कोई देश अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए बाहरी आलोचनाओं से प्रभावित हो सकता है? India का उदाहरण बताता है कि नहीं, जब तक कि राष्ट्रीय हित सर्वोच्च हैं।
इस पूरे मामले ने India की विदेश नीति की दृढ़ता को उजागर किया है, और यह दर्शाता है कि कैसे देश वैश्विक चुनौतियों के बीच अपने रास्ते खुद चुनते हैं। भविष्य में, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नीति India–America संबंधों और वैश्विक ऊर्जा गतिशीलता को कैसे आकार देती है।
