क्या है यह बीमारी
बच्चों में खांसी की पहचान
बच्चों में खांसी एक सामान्य लक्षण है जो कई कारणों से हो सकता है। इसमें वायरल संक्रमण, एलर्जी, या श्वसन तंत्र की बीमारी शामिल हो सकती है। यह खांसी अक्सर 6 महीने से लेकर 5 साल तक के बच्चों में देखी जाती है। बच्चों में खांसी की पहचान करना मां-बाप के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यह खांसी तीव्र या पुरानी हो सकती है। तीव्र खांसी आमतौर पर वायरस से जुड़ी होती है, जबकि पुरानी खांसी अन्य समस्याओं का संकेत दे सकती है।
डॉक्टर आमतौर पर बच्चों के खांसी के लक्षणों को देख कर ही निदान करते हैं। अगर खांसी के साथ बुखार, सांस लेने में कठिनाई, या सीटी जैसी आवाज़ होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करना उचित होगा। खांसी के दौरान बच्चे को विशेष ध्यान की आवश्यकता होती है, और माता-पिता को यह समझना चाहिए कि कब डॉक्टर के पास जाना है।
खांसी के प्रकार
बच्चों में आमतौर पर दो प्रकार की खांसी होती है – सूखी खांसी और गीली खांसी। सूखी खांसी में गले में खिचाव महसूस होता है, जबकि गीली खांसी में फेफड़ों से म्यूकस बाहर आता है। सूखी खांसी आमतौर पर अधिक असुविधाजनक होती है और इससे गले में जलन हो सकती है। इसके विपरीत, गीली खांसी शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया होती है जिससे म्यूकस को बाहर निकाला जाता है।
बच्चों में खांसी के उपचार में यह समझना महत्वपूर्ण है कि किस प्रकार की खांसी हो रही है। अगर खांसी 7 से 10 दिनों से ज्यादा चल रही है या अन्य लक्षणों के साथ है, तो डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
भारत में इसका असर
खांसी के मामलों की स्थिति
भारत में बच्चों में खांसी के मामलों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। हर साल, लाखों बच्चे सर्दियों में खांसी और जुकाम का सामना करते हैं। यह सामान्यतः वायु प्रदूषण और मौसमी बीमारियों के कारण होता है। हर साल, जब सर्दी शुरू होती है, तो बच्चों में खांसी की संख्या में तेजी से वृद्धि होती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अव्यवस्थित जीवनशैली, जैसे कि पोषण की कमी और शारीरिक गतिविधियों की कमी, बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देती है। इस स्थिति को देखते हुए, माता-पिता को निरंतर ध्यान रखना चाहिए और बच्चों की शिकायतों पर नजर रखना चाहिए।
प्रमुख कारण
खांसी के प्रमुख कारणों में वायरल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इन्फेक्शन, धूल-धुंध और एलर्जी शामिल हैं। विशेषकर शीतकाल में, फ्लू और सामान्य सर्दी के कारण बच्चों में खांसी का प्रकोप बढ़ जाता है। बावजूद इसके, कई माता-पिता बच्चों के लिए खांसी की दवाओं का उपयोग करते हैं।
हालाँकि, बच्चों के लिए खांसी की दवाओं का उपयोग जांच की आवश्यकता है क्योंकि कई दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। बच्चों में खांसी के सेवन से पहले हमेशा डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बच्चे के लिए खांसी की दवाई देने में ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
कैसे होती है
खांसी के विकार
बच्चों में खांसी की शुरुआत अक्सर एक ठंड या फ्लू से होती है। जैसे ही वायरस श्वसन तंत्र में प्रवेश करता है, शरीर इसकी प्रतिक्रिया में खांसी करता है। खांसी शरीर का एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो फेफड़ों से म्यूकस या विदेशी तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।
कुछ मामलों में, यदि खांसी लंबे समय तक रहती है, तो यह अन्य समस्याओं का संकेत कर सकती है, जैसे अस्थमा या एलर्जी के कारण। इसीलिए, यदि खांसी लगातार बनी रहती है, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
खांसी का प्रभाव और रोगी का मानसिक स्वास्थ्य
बच्चों की खांसी केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकती है। जब बच्चे खांसते हैं, तो वे सामान्य गतिविधियों से बाहर हो जाते हैं। यह उनकी खेलकूद और अध्ययन पर भी असर डालता है। मानसिक तनाव बढ़ सकता है और वे चिड़चिड़ा हो सकते हैं।
इसलिए, प्रभावी उपचार के बिना खांसी लंबे समय तक बनी रह सकती है, जो बच्चे की भलाई को प्रभावित करती है। माता-पिता को यह समझने की आवश्यकता है कि खांसी के कारण बच्चे को संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
कैसे पहचाने इस बीमारी को
लक्षण और संकेत
बच्चों में खांसी के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं: लगातार खांसी, बुखार, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई और सीटी जैसी आवाज़ें। बच्चा अधिक चिड़चिड़ा हो सकता है या सो नहीं पा सकता है। खासकर, छोटे बच्चों में लक्षण पहचानना मुश्किल हो सकता है।
अगर बच्चा सामान्य स्वास्थ्य में नहीं है या अन्य लक्षणों के साथ खांस रहा है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि उसे चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता है। माता-पिता को बच्चों की खांसी का अवलोकन करते रहना चाहिए।
खांसी के प्रकारों की पहचान
बच्चों में खांसी की पहचान करने के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि खांसी कितनी गंभीर है। सूखी खांसी सामान्यतः अल्पकालिक होती है और अक्सर मौसम परिवर्तन के कारण होती है। जबकि गीली खांसी अधिक गंभीर हो सकती है और संकेत देती है कि दवा की आवश्यकता हो सकती है।

बच्चों में खांसी की विभिन्न प्रकारों को समझकर माता-पिता बेहतर निर्णय कर सकते हैं कि उनके बच्चे को डॉक्टर की आवश्यकता है या वे घर पर ही प्राथमिक उपचार कर सकते हैं।
बचाव के उपाय
प्राकृतिक उपाय
बच्चों में खांसी को कम करने के लिए कुछ प्राकृतिक उपाय उपयोगी हो सकते हैं। शहद, अदरक का रस, और काइंड्स जैसी चीजें खांसी को कम करने में मदद करती हैं। इनसे गले को राहत मिलती है और खांसी की आवृत्ति कम होती है।
इसके अलावा, गरम पानी के भाप से भी बच्चों के लिए राहत मिल सकती है। भाप लेने से बच्चों की सांसें साफ होती हैं और खांसी के लक्षण कुछ समय के लिए कम हो सकते हैं।
पर्यावरणीय परिवर्तन
पर्यावरणीय कारक भी बच्चों में खांसी को प्रभावित कर सकते हैं। धूल, पशु पालतू जानवरों से एलर्जी और अन्य वातावरणीय कारक बच्चों में खांसी को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, माता-पिता को ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे साफ वातावरण में रहें।
अगर बच्चे में कोई एलर्जी है, तो उसका इलाज समय पर करना ज़रूरी है। इससे खांसी की लम्बी अवधि को नियंत्रित किया जा सकता है।
उपचार
दवाओं का चयन
बच्चों में खांसी के उपचार में दवाओं का चयन करते समय बहुत ध्यान रखना चाहिए। बच्चों के लिए कुछ खांसी की दवाएं सुरक्षित होती हैं, जबकि कुछ का सेवन नहीं करना चाहिए। इसीलिए हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
विशेषज्ञों के अनुसार, 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए खांसी का उपचार लेना खतरनाक हो सकता है। इसलिए, हमेशा सरकारी स्वास्थ्य सलाह का पालन करना सलाह दी जाती है।
चिकित्सकीय परामर्श
अगर खांसी लगातार बनी रहती है या बुखार के साथ है, तो चिकित्सीय परामर्श आवश्यक है। माध्यमिक संक्रमण, जैसे निमोनिया, की संभावना भी होती है। बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
डॉक्टर से सलाह लेकर सही उपचार न केवल खांसी को नियंत्रित करेगा, बल्कि बच्चे के समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखेगा।
सुझाव और सावधानिया
सुरक्षा संबंधित जानकारी
बच्चों के लिए खांसी की दवाओं का प्रयोग करते समय हमेशा सावधानी बरतें। दुनिया भर में कई संगठनों द्वारा चेतावनी दी गई है कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी की दवा देने से पहले गंभीर विचार करना चाहिए। इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो बच्चे की सेहत को प्रभावित कर सकते हैं।
डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह पर ध्यान देकर और अवशेषों के बिना खांसी दवाएं देना ज़रूरी है। कभी-कभी, वयस्कों की खांसी की दवाएं बच्चों के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
संभवतः खांसी के वैकल्पिक उपचार
कई माता-पिता वैकल्पिक उपचारों को अपनाते हैं। जैसे कि गर्म पेय, हर्बल चाय, या प्रकृति के द्वारा उपयोग किए जाने वाले अन्य उपाय। ये प्राकृतिक उपचार बच्चों को राहत दे सकते हैं और दवाओं के उपयोग से बच सकते हैं।
बच्चों में खांसी को प्रबंधित करने के लिए इन उपायों पर विचार करना फायदेमंद हो सकता है। हमेशा डॉक्टर की सलाह के माध्यम से यह सुनिश्चित करें कि क्या उपचार सही है या नहीं।
