आज का राहु काल हिंदू पंचांग में माने जाने वाले आठ कालों में से एक अशुभ काल है, जो प्रतिदिन लगभग 90 मिनट चलती है। चूंकि सूर्योदय और सूर्यास्त का समय अलग-अलग स्थानों पर भिन्न होता है, इस अवधि का आरंभ तथा समापन भी प्रत्येक स्थान और दिन के आधार पर बदलता रहता है।
वैदिक परंपरा के अनुसार, राहु और केतु ग्रहों का भौतिक अस्तित्व नहीं है, फिर भी इन्हें राशिचक्र के दो छोरों के रूप में दर्शाया जाता है। इन्हें ‘छाया ग्रह’ कहा जाता है और भारतीय ज्योतिष में ये अमंगलकारी माने जाते हैं। राहु काल में सूर्य की किरणें एवं ब्रह्मांडीय ऊर्जा का संतुलन प्रभावित होता दिखता है, इसलिए इस वक्त शुभ कार्य टालने की परंपरा रही है।
शुभ-अशुभ घड़ियों का निर्धारण पंचांग के माध्यम से होता है। चूंकि राहु काल हर दिन बदलता रहता है, किसी विशेष कार्य—जैसे यात्रा, निवास परिवर्तन या महत्वपूर्ण आरंभ—के लिए इसके अतित हो जाने के बाद ही समय चुना जाता है।
दिन | राहु काल (लगभग) |
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सोमवार (Mon) | दूसरे खंड में – 07:30 से 09:00 तक |
मंगलवार (Tue) | सातवें खंड में – 15:00 से 16:30 तक |
बुधवार (Wed) | पांचवें खंड में – 12:00 से 13:30 तक |
गुरुवार (Thu) | छठे खंड में – 13:30 से 15:00 तक |
शुक्रवार (Fri) | चौथे खंड में – 10:30 से 12:00 तक |
शनिवार (Sat) | तीसरे खंड में – 09:00 से 10:30 तक |
रविवार (Sun) | आठवें खंड में – 16:30 से 18:00 तक |
नोट: ये समय सूर्योदय से गिनी गई कुल 12 घंटों को आठ बराबर हिस्सों में विभाजित करके निर्धारित किए जाते हैं। चूंकि सूर्योदय का वास्तविक समय रोज़ाना थोड़ी-बहुत देरी या आगे बढ़ता रहता है, राहु काल की अवधि में भी कुछ परिवर्तन हो सकता है।
आप चाहें तो अपने स्थानीय सूर्योदय के समय के अनुसार इन गणनाओं को पंचांग या भरोसेमंद ज्योतिष ऐप से दैनिक रूप से अपडेट कर सकते हैं।
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