सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को अब GST पर टैक्स नोटिस? जानिए 2025 में पूरा नियम और बचने के उपाय

Tejas Kumar By Tejas Kumar
12 Min Read
GST नियम 2025 के तहत सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को टैक्स नोटिस — जानें क्या है पूरा मामला

आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स सिर्फ मनोरंजन या ज्ञान का माध्यम नहीं रह गए हैं, बल्कि वे एक नया व्यवसायिक वर्ग बन चुके हैं। इंस्टाग्राम, यूट्यूब, टिकटॉक और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लाखों फॉलोअर्स वाले क्रिएटर्स ब्रांड प्रमोशन, एफिलिएट मार्केटिंग, प्रोडक्ट रिव्यू और पेड पार्टनरशिप के ज़रिये मोटी कमाई कर रहे हैं।

सरकार ने अब इस कमाई पर नजर डालनी शुरू कर दी है। आयकर विभाग और GST अधिकारियों ने हाल ही में कई इन्फ्लुएंसर्स को नोटिस भेजे हैं, जिनमें उनकी कमाई और टैक्स (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर टैक्स) अनुपालन की जाँच की जा रही है। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह टैक्स नोटिस किसे भेजा गया, किन परिस्थितियों में GST लागू होता है, और आप इससे कैसे बच सकते हैं।


सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की इनकम पर टैक्स क्यों?

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को सरकार ने “advertising and promotional services” के तहत वर्गीकृत किया है। इसका अर्थ है कि जब कोई इन्फ्लुएंसर किसी ब्रांड का प्रचार करता है, प्रोडक्ट की समीक्षा करता है या किसी वीडियो में ब्रांड मेंशन करता है, तो वह सेवा मानी जाती है।

इस तरह की सेवाएं Goods and Services Tax (GST) के अंतर्गत आती हैं और उन पर 18% GST लागू होता है।


GST की वैधानिक स्थिति क्या है?

GST अधिनियम 2017 की धारा 7 के अनुसार, ब्रांड प्रमोशन, विज्ञापन सेवाएं, एंकरिंग आदि सभी “Supply of Services” की श्रेणी में आती हैं।
इन सेवाओं को Notification No. 11/2017 – Central Tax (Rate) के तहत Service Accounting Code (SAC) 99836 में रखा गया है।

इसके अंतर्गत इन सेवाओं पर 18 प्रतिशत GST लगाया जाता है, चाहे भुगतान नकद में हो या डिजिटल ट्रांसफर द्वारा।


किन परिस्थितियों में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर टैक्स अनिवार्य है?

यदि कोई इन्फ्लुएंसर नीचे दिए गए मानकों में आता है, तो उसे GST में पंजीकरण कराना अनिवार्य हो जाता है:

  1. वार्षिक टर्नओवर ₹20 लाख या उससे अधिक हो (विशेष श्रेणी के राज्यों में यह सीमा ₹10 लाख है)
  2. इंटरस्टेट सेवाएं यानी यदि क्लाइंट किसी अन्य राज्य से है
  3. विदेशी ब्रांड डील्स या भुगतान, जिसमें फॉरेन करेंसी प्राप्त होती है

इन सभी शर्तों में GST रजिस्ट्रेशन और रिटर्न फाइलिंग जरूरी हो जाती है।


आयकर विभाग की कार्रवाई: नोटिस क्यों भेजे गए?

हाल ही में आयकर विभाग और GST अधिकारियों ने कम से कम 15 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को नोटिस जारी किए हैं।
इनमें से अधिकांश इन्फ्लुएंसर ने अपनी आय को सही ढंग से रिपोर्ट नहीं किया था, और कई ने तो GST में पंजीकरण भी नहीं कराया था।

उदाहरण:

एक महिला फैशन इन्फ्लुएंसर को प्रत्येक प्रमोशनल पोस्ट के लिए ₹50,000 से ₹1,00,000 तक का भुगतान मिलता था। लेकिन उन्होंने केवल ₹3.5 लाख वार्षिक आय दिखाकर टैक्स चोरी की। विभाग ने जब बैंक स्टेटमेंट और सोशल मीडिया ब्रांड डील्स का मिलान किया, तो अनियमितताएं सामने आईं।

अब तक 30 से अधिक इन्फ्लुएंसर्स को टैक्स स्कैनर पर लाया गया है और उनके अकाउंट्स का ऑडिट किया जा रहा है।


टैक्स कंप्लायंस: क्या करें इन्फ्लुएंसर्स?

यदि आप भी एक सोशल मीडिया क्रिएटर हैं, तो आपको निम्नलिखित टैक्स अनुपालनों का पालन करना चाहिए:

1. GSTIN पंजीकरण:

यदि आपका सालाना टर्नओवर ₹20 लाख से अधिक है, तो GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।

2. रिटर्न फाइलिंग:

  • GSTR-1: मंथली आउटवर्ड सप्लाई
  • GSTR-3B: समेकित रिटर्न जिसमें टैक्स पेमेंट दिखाया जाता है

3. इनवॉइस जनरेशन:

हर ब्रांड डील या प्रमोशनल सेवा पर GST कंप्लायंट इनवॉइस जारी करना अनिवार्य है जिसमें GSTIN, SAC कोड, रेट और कुल राशि स्पष्ट होनी चाहिए।

4. ITC (Input Tax Credit) क्लेम करें:

यदि आपने कोई बिजनेस से संबंधित खर्च किया है जैसे कैमरा, इंटरनेट, फोन बिल आदि, तो उस पर चुकाए गए GST को आप ITC के रूप में क्लेम कर सकते हैं।

5. RCM (Reverse Charge Mechanism):

यदि आपको कोई विदेशी कंपनी या अपंजीकृत क्लाइंट से पेमेंट मिला है, तो उस पर रिवर्स चार्ज के अंतर्गत टैक्स जमा करना पड़ सकता है।


GST का प्रभाव: आपकी कमाई पर क्या असर पड़ेगा?

1. पैकेज महंगे हो सकते हैं:
ब्रांड डील्स पर 18% अतिरिक्त टैक्स जुड़ने से क्लाइंट को ज्यादा भुगतान करना होगा, जिससे रेटिंग में बदलाव आ सकता है।

2. ITC के जरिए फायदा:
अगर आप सही तरीके से इनवॉइस बना रहे हैं और रिटर्न फाइल कर रहे हैं तो आप अपने खर्चों पर GST का रिफंड या क्रेडिट ले सकते हैं।

3. प्रोफेशनल इमेज बनती है:
GST और टैक्स कंप्लायंस अपनाने से आपकी प्रोफेशनल विश्वसनीयता बढ़ती है, जिससे बड़ी कंपनियों से काम मिल सकता है।


क्या कहते हैं टैक्स एक्सपर्ट?

Reddit के टैक्स फोरम r/IndiaTax और Tax2win जैसे प्लेटफॉर्म्स के अनुसार:

  • “यदि टर्नओवर ₹20 लाख से अधिक है, तो GST देना अनिवार्य है।”
  • “प्रोफेशनल टैक्स ₹2500 प्रतिवर्ष भी देना पड़ता है।”
  • “यह आय ‘Business Income’ की श्रेणी में आती है, इसलिए पूरी रिपोर्टिंग जरूरी है।”

टैक्स नोटिस से कैसे बचें? जानिए व्यावहारिक उपाय

  1. स्वयंसेवी रजिस्ट्रेशन:
    अगर आपकी कमाई सीमा से कम भी है, फिर भी आप GST में पंजीकरण कर सकते हैं और प्रोफेशनल इमेज बना सकते हैं।
  2. अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर या एक्सेल से बहीखाता रखें:
    हर इनवॉइस, पेमेंट और खर्च का सही रिकॉर्ड रखें। यह ऑडिट या नोटिस के समय आपके काम आएगा।
  3. CA या टैक्स कंसल्टेंट से जुड़ें:
    एक अनुभवी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स प्रोफेशनल आपको सही कर योजना बनाने में मदद करेगा। खासकर TDS, GST, ITC जैसे जटिल नियमों को समझने में।
  4. RCM का पालन करें:
    यदि आप विदेशी क्लाइंट से भुगतान ले रहे हैं, तो रिवर्स चार्ज लागू हो सकता है। उसका ध्यान रखें और समय पर टैक्स जमा करें।

टैक्स और कंप्लायंस से डरें नहीं, समझें और अपनाएं

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसिंग अब केवल एक शौक या शौहरत का माध्यम नहीं रह गया है। यह एक पूर्ण व्यवसाय बन चुका है, और सरकार ने अब इसे कानूनी रूप से टैक्स संरचना में शामिल कर लिया है।

18% GST, इनकम टैक्स, रिवर्स चार्ज, SAC कोड जैसे टर्म्स अब इन्फ्लुएंसर्स की दुनिया का हिस्सा हैं। यदि आप समय रहते अपना GST रजिस्ट्रेशन और कंप्लायंस नहीं अपनाते हैं, तो भारी पेनल्टी, ब्याज और ब्रांड डील खोने की स्थिति आ सकती है।


सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर टैक्स अंतिम सलाह – Call to Action

अगर आप एक यूट्यूबर, इंस्टाग्राम क्रिएटर, टिकटॉक स्टार या किसी भी प्लेटफॉर्म पर प्रभावशाली हैं —
➡️ तो आज ही अपने टैक्स दस्तावेज़ों की समीक्षा करें
➡️ अपने व्यवसाय के लिए GSTIN प्राप्त करें
➡️ एक अच्छे CA या टैक्स सलाहकार से संपर्क करें
➡️ और खुद को कानूनी रूप से मजबूत बनाएं

Compliance = Career Security + Professional Respect


📌 “GST कानून का पालन करिए, और टैक्स नोटिस से पहले तैयारी में रहिए।”

Frequently Asked Questions

  1. क्या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को GST रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है?

    हाँ, यदि किसी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की वार्षिक कमाई ₹20 लाख (या विशेष राज्यों में ₹10 लाख) से अधिक है, या वह अंतरराज्यीय या विदेशी ब्रांड्स के लिए सेवाएं दे रहा है, तो उसे GST रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसके बिना काम करना टैक्स चोरी की श्रेणी में आ सकता है।

  2. सोशल मीडिया पर कमाई करने वालों पर कौन-कौन से टैक्स लागू होते हैं?

    सोशल मीडिया क्रिएटर्स पर दो मुख्य टैक्स लागू होते हैं:
    इनकम टैक्स (Income Tax): सभी प्रकार की कमाई पर आयकर लागू होता है।
    GST (Goods & Services Tax): प्रमोशनल पोस्ट, ब्रांड डील, रिव्यू आदि सेवाओं पर 18% GST लागू होता है।

  3. क्या यूट्यूबर और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर पर भी GST लागू होता है?

    जी हाँ, यदि यूट्यूबर या इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर ब्रांड प्रमोशन, पेड पार्टनरशिप, या प्रोडक्ट रिव्यू जैसी सेवाएं प्रदान करता है, और उसकी कमाई ₹20 लाख से अधिक है, तो उस पर भी 18% GST लागू होता है।

  4. GST के अंतर्गत सोशल मीडिया सेवाएं किस SAC कोड में आती हैं?

    सोशल मीडिया ब्रांड प्रमोशन और एडवर्टाइजिंग सेवाएं SAC Code 99836 के अंतर्गत आती हैं। इस कोड के अंतर्गत 18% GST की दर निर्धारित की गई है।

  5. अगर मेरी कमाई ₹20 लाख से कम है तो क्या मैं GST में पंजीकरण कर सकता हूँ?

    हाँ, आप स्वयंसेवी (Voluntary) पंजीकरण कर सकते हैं। इससे आप इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ उठा सकते हैं और आपकी प्रोफेशनल इमेज ब्रांड्स के बीच मजबूत होती है।

  6. क्या विदेशी ब्रांड से पैसे मिलने पर भी GST देना होता है?

    हाँ, यदि आपको किसी विदेशी क्लाइंट से भुगतान मिलता है, तो वह Export of Services की श्रेणी में आता है। ऐसी स्थिति में RCM (Reverse Charge Mechanism) और अन्य नियम लागू हो सकते हैं, और GST नियमों का पालन आवश्यक होता है।

  7. सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को कौन-कौन से रिटर्न फाइल करने होते हैं?

    इन्फ्लुएंसर को निम्नलिखित GST रिटर्न फाइल करने होते हैं:
    GSTR-1: आउटवर्ड सप्लाई की डिटेल्स (मंथली या क्वार्टरली)
    GSTR-3B: समेकित रिटर्न जिसमें कुल टैक्स देनदारी और भुगतान होता है
    इसके अलावा, उन्हें सालाना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR-3/ITR-4) भी फाइल करनी चाहिए।

  8. क्या इनफ्लुएंसर अपने खर्चों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम कर सकते हैं?

    हाँ, यदि आप GST रजिस्टर हैं, तो आप अपने बिजनेस से संबंधित खर्चों जैसे मोबाइल, कैमरा, इंटरनेट बिल, ट्रैवल आदि पर चुकाए गए GST का Input Tax Credit (ITC) क्लेम कर सकते हैं — जिससे आपकी टैक्स देनदारी कम होती है।

  9. अगर मैंने GST रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो क्या पेनल्टी लगेगी?

    हाँ, बिना GST रजिस्ट्रेशन के सेवाएं देना अपराध है। इसमें ₹10,000 या कर देनदारी का 10% (जो भी अधिक हो) तक जुर्माना लग सकता है। साथ ही, ब्याज और ऑडिट का जोखिम भी बना रहता है।

  10. टैक्स से बचने और नोटिस से बचने के लिए इन्फ्लुएंसर को क्या करना चाहिए?

    इन्फ्लुएंसर को टैक्स और GST नोटिस से बचने के लिए ये उपाय अपनाने चाहिए:
    – समय पर GST पंजीकरण कराएं
    – प्रत्येक डील या पेमेंट के लिए GST इनवॉइस जारी करें
    – प्रोफेशनल CA या टैक्स सलाहकार की सहायता लें
    – सभी ब्रांड डील्स का लेखा-जोखा रखें
    – विदेशी क्लाइंट्स के लिए RCM और FEMA नियम समझें
    – नियमित रूप से रिटर्न फाइल करें (GSTR-1, GSTR-3B, ITR)

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Tithi
Panchang
Search