भगवान शिव, त्रिदेवों में से एक हैं, जिन्हें सृष्टि के विनाशक के रूप में जाना जाता है। उनकी महिमा का वर्णन वेद, पुराण और उपनिषदों में मिलता है। शिव केवल संहार के देवता ही नहीं, बल्कि करुणा और कल्याण के स्रोत भी हैं। उनके विभिन्न स्वरूप जैसे शांत, तांडव करते हुए रौद्र, और योगी के रूप में ध्यानमग्न, उनके चरित्र की गहराई को प्रकट करते हैं।
उनकी भक्ति से व्यक्ति को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और जीवन के संकटों से मुक्ति मिलती है। सोमवार को शिव की पूजा कर उनकी कृपा प्राप्त करना हिन्दू धर्म में एक विशेष परंपरा है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रमा भगवान शिव का परम भक्त है। जब चंद्रमा को श्राप मिला और उसकी शक्ति क्षीण हो गई, तो उसने भगवान शिव की आराधना की। शिव ने उसे वरदान देकर उसकी शक्ति पुनः बहाल की। तभी से सोमवार (जो चंद्रमा का दिन है) भगवान शिव को समर्पित हो गया।
स्कंद पुराण और शिव पुराण जैसे ग्रंथों में बताया गया है कि सोमवार का व्रत और भगवान शिव की पूजा से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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