यात्रा आरंभ मुहूर्त 2025 वह अत्यंत शुभ समय होता है, जब किसी भी प्रकार की यात्रा—दूरस्थ, तीर्थयात्रा, व्यवसायिक या अवकाश यात्रा—का शुभारंभ करने से सफलता, सुरक्षा और सौभाग्य का संचार होता है। इस मुहूर्त में यज्ञोपचार पूर्वक प्रस्थान करने से मार्ग में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं तथा शुभ परिणाम सुनिश्चित होते हैं।
यहाँ प्रस्तुत है यात्रा आरंभ शुभ मुहूर्त 2025 का संपूर्ण विवरण — तिथि, वार, पक्ष, नक्षत्र एवं शुभ लग्न सहित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ, ताकि आप अपनी यात्रा को पूर्ण रूप से मंगलमय समय पर प्रारंभ कर सकें। सही मुहूर्त पर यात्रा आरंभ करने से मार्ग में सुरक्षित आगमन, आनंद‑समृद्धि और मंगलमय अनुभव सुनिश्चित होता है।
तिथि | शुभ/अशुभता | विवरण |
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प्रतिपदा | अशुभ | बुद्धिमान व्यक्तियों को इस दिन किसी भी रूप में यात्रा नहीं करनी चाहिए। |
द्वितीया (दोज) | अत्यंत शुभ | इस दिन यात्रा से कार्य सफल होते हैं (Safal Yatra)। |
तृतीया (तीज) | अत्यंत शुभ | यात्रा से सफलता, निरोगता और मान-प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। |
चतुर्थी | अशुभ | दुर्घटना या मृत्यु का भय होता है (“चतुर्थी मरणाद्भयम्”)। |
पंचमी | शुभ | हर दिशा से सिद्धि-दायक, विजय प्राप्ति के योग बनते हैं। |
षष्ठी | अशुभ | यात्रा से हानि होती है (“षष्ठीत्वं न लाभाय”)। |
सप्तमी | केवल धार्मिक यात्रा | सामान्य यात्रा अशुभ; केवल तीर्थ या धार्मिक ही संभव है। |
अष्टमी | अशुभ | रोगोत्पादक (“यात्रा रोगोत्पादक”); स्वास्थ्य खराब होने का भय। |
नवमी | अशुभ | यात्रा में अड़चन; निराशा, वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। |
दशमी | अत्यंत शुभ | परिवार समेत श्रेष्ठ फल देने वाली यात्रा होती है। |
एकादशी | अत्यंत शुभ | यात्रा से मनवाँछित फल मिलता है (“एकादशी तु सर्वत्र प्रशस्ता सर्व कर्मसु”)। |
द्वादशी | अशुभ | यात्रा से धनहानि एवं निराशा (“द्वादशीत्वर्थनाशाय”)। |
त्रयोदशी | शुभ | सुलह-समझौता या साझेदारी हेतु उत्तम। |
चतुर्दशी | अशुभ | सभी शुभ कार्य एवं यात्रा वर्जित (“षडष्टौ नव चत्वारि पक्ष छिद्राणि वर्जयेत्”)। |
अमावस्या | अशुभ | इस दिन यात्रा पूर्णतः वर्जित (“अमावस्यां न यात्रा कुर्यात्”)। |
पूर्णिमा (दिवस) | अशुभ | दिवस में यात्रा असफलता का प्रतीक; रात्रि में शुभ फलदायी। |
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