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पापमोचनी एकादशी 2025: तिथि, महत्व, व्रत कथा, पूजा विधि और लाभ

Inderjeet Kumar
Last updated: March 8, 2025 7:53 am
Inderjeet Kumar
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पापमोचनी एकादशी 2025 का महत्व और धार्मिक प्रभाव

पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है, जिसे पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति के लिए रखा जाता है। यह व्रत चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आता है और सभी एकादशी व्रतों में पवित्र और कल्याणकारी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी होता है जो पिछले कर्मों के दोषों से मुक्त होना चाहते हैं और आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त करना चाहते हैं।

Contents
पापमोचनी एकादशी 2025 का महत्व और धार्मिक प्रभावपापमोचनी एकादशी 2025 कब है? (Papmochani Ekadashi 2025 Date & Time)पापमोचनी एकादशी की पौराणिक कथा (Papmochani Ekadashi Vrat Katha)पापमोचनी एकादशी व्रत का महत्व और लाभपापमोचनी एकादशी व्रत और पूजा विधि (Papmochani Ekadashi Vrat Vidhi)पापमोचनी एकादशी पर किए जाने वाले विशेष अनुष्ठानपापमोचनी एकादशी और अन्य एकादशियों में अंतरपापमोचनी एकादशी 2025 के लिए शुभकामना संदेश और शायरीनिष्कर्ष

पापमोचनी एकादशी 2025 कब है? (Papmochani Ekadashi 2025 Date & Time)

पापमोचनी एकादशी 2025 में 26 मार्च (बुधवार) को मनाई जाएगी।

घटनासमय (IST)
एकादशी तिथि प्रारंभ25 मार्च 2025, रात 08:05 बजे
एकादशी तिथि समाप्त26 मार्च 2025, शाम 06:50 बजे
पारण (व्रत खोलने का समय)27 मार्च 2025, सुबह 06:30 बजे से 08:50 बजे तक

इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा, विष्णु सहस्रनाम पाठ, और व्रत का पालन करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

पापमोचनी एकादशी की पौराणिक कथा (Papmochani Ekadashi Vrat Katha)

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार च्यवन ऋषि के पुत्र मेधावी ऋषि तपस्या कर रहे थे। देवराज इंद्र को भय हुआ कि कहीं वह तपस्या से इतनी शक्ति प्राप्त न कर लें कि वे देवताओं से भी शक्तिशाली बन जाएँ। उन्होंने अप्सरा मंजुघोषा को उनकी तपस्या भंग करने भेजा। मंजुघोषा के सौंदर्य से मोहित होकर मेधावी ऋषि तपस्या भूल गए और उनके साथ कई वर्षों तक रहे।

जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ, तो वे अत्यंत दुखी हुए और अपने पिता च्यवन ऋषि के पास गए। च्यवन ऋषि ने उन्हें पापमोचनी एकादशी का व्रत करने का सुझाव दिया। व्रत करने के बाद मेधावी ऋषि अपने सारे पापों से मुक्त हो गए और उन्हें आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई। तब से इस एकादशी को पापों से मुक्ति दिलाने वाली एकादशी के रूप में जाना जाता है।

पापमोचनी एकादशी व्रत का महत्व और लाभ

  1. पापों से मुक्ति: इस व्रत को करने से मन, वाणी और कर्म से किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
  2. मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति: यह व्रत मन को शुद्ध करता है और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: व्रत रखने से शरीर विषैले पदार्थों से मुक्त होता है और पाचन तंत्र बेहतर होता है।
  4. मोक्ष प्राप्ति: यह व्रत व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर अग्रसर करता है।
  5. पारिवारिक सुख-समृद्धि: इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन, ऐश्वर्य और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।

पापमोचनी एकादशी व्रत और पूजा विधि (Papmochani Ekadashi Vrat Vidhi)

  1. स्नान और संकल्प: प्रातःकाल जल्दी उठकर गंगा स्नान या पवित्र जल से स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
  2. भगवान विष्णु की पूजा: भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के समक्ष धूप, दीप, पुष्प, फल और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
  3. विष्णु सहस्रनाम और एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
  4. रात्रि जागरण करें: इस दिन रातभर जागकर भजन-कीर्तन करना शुभ माना जाता है।
  5. दान-पुण्य करें: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन दान करें।
  6. व्रत पारण: द्वादशी (अगले दिन) को प्रातःकाल भगवान विष्णु को जल अर्पित कर व्रत का पारण करें।

पापमोचनी एकादशी पर किए जाने वाले विशेष अनुष्ठान

  1. भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें:
    “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  2. सत्यनारायण भगवान की कथा पढ़ें और घर में कीर्तन करें।
  3. गाय को हरा चारा खिलाएँ और जरूरतमंदों को भोजन कराएँ।
  4. शंख और तुलसी से भगवान विष्णु का अभिषेक करें।

पापमोचनी एकादशी और अन्य एकादशियों में अंतर

हालाँकि सभी एकादशियों का विशेष महत्व है, लेकिन पापमोचनी एकादशी का महत्व विशेष रूप से पापों के नाश और मोक्ष प्राप्ति से जुड़ा हुआ है। जबकि

  • निर्जला एकादशी को व्रत के कठोर नियमों के लिए जाना जाता है,
  • कामदा एकादशी पापों के नाश के साथ-साथ मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध है,
  • वैशाख एकादशी अक्षय पुण्य प्राप्ति के लिए की जाती है,
  • पापमोचनी एकादशी विशेष रूप से पापों के नाश और आत्मशुद्धि के लिए की जाती है।

पापमोचनी एकादशी 2025 के लिए शुभकामना संदेश और शायरी

  1. “भगवान विष्णु की कृपा से आपके सभी पापों का नाश हो और जीवन सुख-समृद्धि से भर जाए। पापमोचनी एकादशी की शुभकामनाएँ!”
  2. “जो कोई भी सच्चे मन से इस व्रत को करता है, उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। शुभ पापमोचनी एकादशी!”
  3. “भगवान हरि के चरणों में ध्यान लगाएँ, पापों से मुक्त होकर मोक्ष का आनंद पाएँ। पापमोचनी एकादशी की बधाई!”
  4. “सत्य, धर्म और भक्ति का पालन करें, जीवन को पवित्र बनाएँ। पापमोचनी एकादशी की मंगलकामनाएँ!”
  5. “विष्णु भगवान की भक्ति से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं, आइए इस पवित्र व्रत को करें और पुण्य प्राप्त करें!”

निष्कर्ष

पापमोचनी एकादशी 2025 केवल एक व्रत नहीं, बल्कि पापों से मुक्ति, आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग है। यह दिन हमें सच्चाई, भक्ति, दान और सेवा का महत्व सिखाता है। इस एकादशी को पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाना चाहिए ताकि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त हो और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आए।

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