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Aaj Kya Hai > धर्म संसार > पंचांग > अक्षय तृतीया 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और लाभ

अक्षय तृतीया 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और लाभ

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अक्षय तृतीया 2025 का महत्व और धार्मिक प्रभाव

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) हिंदू धर्म का एक अत्यंत शुभ और पुण्यदायी पर्व है, जिसे “अखा तीज” के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है और इसे सभी शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त (सर्वश्रेष्ठ समय) माना जाता है।

“अक्षय” शब्द का अर्थ “जो कभी नष्ट न हो” होता है। इसलिए, इस दिन किए गए दान-पुण्य, जप, तप, विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार की शुरुआत और सोने-चाँदी की खरीदारी को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए कार्यों का फल अनंतकाल तक बना रहता है।

अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु, माँ लक्ष्मी, भगवान परशुराम और माता अन्नपूर्णा की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।


अक्षय तृतीया 2025 कब है? (Akshaya Tritiya 2025 Date & Time)

अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2025 (मंगलवार) को मनाई जाएगी।

घटनासमय (IST)
तृतीया तिथि प्रारंभ21 अप्रैल 2025, रात 11:12 बजे
तृतीया तिथि समाप्त22 अप्रैल 2025, रात 09:18 बजे
पूजा और खरीदारी का शुभ मुहूर्त22 अप्रैल 2025, सुबह 06:00 बजे से शाम 06:45 बजे तक

अक्षय तृतीया की पौराणिक कथाएँ (Akshaya Tritiya Vrat Katha)

1. महाभारत और अक्षय पात्र की कथा

महाभारत के अनुसार, जब पांडव वनवास में थे, तब द्रौपदी को भोजन की कमी के कारण बहुत कठिनाइयाँ हो रही थीं। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से सहायता की प्रार्थना की। श्रीकृष्ण ने उन्हें अक्षय पात्र (एक दिव्य पात्र) प्रदान किया, जिससे जब तक वह स्वयं भोजन ग्रहण न कर लें, तब तक यह पात्र अनंत मात्रा में भोजन प्रदान करता रहेगा।

अक्षय तृतीया के दिन यह पात्र पांडवों को प्राप्त हुआ था, इसलिए यह दिन अक्षय फल देने वाला माना जाता है।

2. भगवान परशुराम का जन्म

अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन को परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

3. श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने का दिन

अक्षय तृतीया के दिन श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाते हैं और हजारों श्रद्धालु इस पावन अवसर पर भगवान बद्रीविशाल के दर्शन करते हैं।


अक्षय तृतीया पूजा विधि (Akshaya Tritiya Puja Vidhi)

  1. स्नान और संकल्प:
    • प्रातः जल्दी उठकर गंगा स्नान करें या घर पर स्वच्छ जल से स्नान करें।
    • व्रत और पूजा का संकल्प लें।
  2. भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा:
    • भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगा जल, दूध, शहद और पंचामृत से स्नान कराएँ।
    • चंदन, तुलसी पत्र, पुष्प, धूप-दीप और प्रसाद अर्पित करें।
    • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  3. दान-पुण्य करें:
    • अन्न, जल, वस्त्र, चावल, घी, फल और स्वर्ण का दान करें।
    • प्यासे लोगों को शरबत या पानी पिलाएँ।
  4. सोना और चाँदी खरीदें:
    • इस दिन सोना, चाँदी, वाहन, भूमि या नई वस्तुओं की खरीदारी अत्यंत शुभ मानी जाती है।

अक्षय तृतीया व्रत करने के लाभ (Akshaya Tritiya Vrat Benefits)

  1. आर्थिक समृद्धि: इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने से धन-धान्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
  2. पुण्य की प्राप्ति: इस दिन किया गया दान और जप कई गुना फल देता है।
  3. विवाह में सफलता: जिन लोगों के विवाह में बाधा आती है, उन्हें इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
  4. नए कार्यों की शुरुआत: व्यापार, नौकरी, गृह प्रवेश, नामकरण और अन्य शुभ कार्य करने से जीवन में उन्नति होती है।
  5. स्वास्थ्य और दीर्घायु: इस दिन गंगा स्नान करने से पिछले जन्मों के पापों का नाश होता है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

अक्षय तृतीया पर किए जाने वाले विशेष उपाय (Akshaya Tritiya Ke Upay)

  1. गाय को हरा चारा और गुड़ खिलाएँ – इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
  2. जल का दान करें – इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  3. सात अनाज (गेहूँ, चावल, उड़द, मूंग, चना, जौ, तिल) दान करें – इससे धन लाभ होता है।
  4. पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएँ और उसकी परिक्रमा करें – यह जीवन में स्थिरता लाता है।
  5. सोना खरीदें या किसी को उपहार दें – इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

अक्षय तृतीया 2025 के लिए शुभकामना संदेश और शायरी

  1. “माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद मिले, हर मनोकामना पूरी हो जाए। शुभ अक्षय तृतीया!”
  2. “अक्षय तृतीया का यह शुभ दिन, आपके जीवन में खुशियाँ लाए। जय श्री हरि!”
  3. “आज के दिन जो भी शुभ कार्य करोगे, उसका फल अनंत काल तक अक्षय रहेगा!”
  4. “धन, समृद्धि और सफलता का वरदान मिले, अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएँ!”
  5. “भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की कृपा से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहे!”

निष्कर्ष

अक्षय तृतीया 2025 भाग्य, सफलता और शुभता का प्रतीक है। इस दिन किए गए दान, पूजा, व्रत और सत्कर्म कभी नष्ट नहीं होते और उनका पुण्य फल लाइफटाइम लाभ देता है। यह दिन नए कार्यों की शुरुआत, निवेश और आध्यात्मिक उन्नति के लिए उत्तम माना जाता है।

आइए, इस अक्षय तृतीया को पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएँ और माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें। 🙏✨

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