धनतेरस (Dhanteras), जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली के पाँच दिवसीय महोत्सव का पहला दिन होता है। इस दिन धन, समृद्धि और सुख-शांति की कामना के लिए भगवान धन्वंतरि, माँ लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा की जाती है।
यह पर्व विशेष रूप से व्यापारियों, गृहस्थों और निवेशकों के लिए शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन नए सामान, आभूषण, बर्तन, वाहन और संपत्ति खरीदने की परंपरा है।
धनतेरस न केवल धन-संपत्ति बढ़ाने का प्रतीक है, बल्कि यह स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु की प्राप्ति का पर्व भी है।
धनतेरस 2025 कब है? (Dhanteras 2025 Date & Time)
धनतेरस 17 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा।
घटना | समय (IST) |
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त्रयोदशी तिथि प्रारंभ | 16 अक्टूबर 2025, रात 07:30 बजे |
त्रयोदशी तिथि समाप्त | 17 अक्टूबर 2025, रात 08:45 बजे |
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त | 17 अक्टूबर 2025, शाम 06:30 बजे से रात 08:30 बजे तक |
खरीदारी का शुभ मुहूर्त | 17 अक्टूबर 2025, प्रातः 07:00 बजे से रात 10:00 बजे तक |
धनतेरस का धार्मिक महत्व
1. भगवान धन्वंतरि का जन्म
शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धनतेरस को आरोग्य और आयु वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
2. माँ लक्ष्मी और कुबेर की पूजा
इस दिन माँ लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा करने से धन, वैभव और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
3. मृत्यु भय निवारण और दीपदान
इस दिन यमराज के लिए दीपदान करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। इसे “यम दीप दान” भी कहा जाता है।
धनतेरस की पौराणिक कथा (Dhanteras Vrat Katha)
राजा हेम और उनके पुत्र की कथा
एक समय की बात है, राजा हेम के पुत्र की कुंडली में यह भविष्यवाणी थी कि विवाह के चौथे दिन उसकी मृत्यु हो जाएगी।
जब उसका विवाह हुआ, तो उसकी पत्नी ने धनतेरस की रात दीप जलाकर घर को रोशन किया और अपने पति को सोने नहीं दिया।
यमराज जब राजा के पुत्र की आत्मा लेने आए, तो उन्हें दीपों की रोशनी और सोने-चाँदी की चमक देखकर वापस लौटना पड़ा।
तभी से धनतेरस पर दीप जलाने और आभूषण खरीदने की परंपरा चली आ रही है।
धनतेरस पूजा विधि (Dhanteras Puja Vidhi)
1. घर की सफाई और सजावट
- घर को साफ-सुथरा करें और रंगोली बनाकर सजाएँ।
- दरवाजे पर तोरण (आम और अशोक के पत्तों) और बंदनवार लगाएँ।
2. माँ लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा
- पीली या लाल रंग की चौकी पर माँ लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर की मूर्ति स्थापित करें।
- चावल, रोली, फूल और दीप जलाकर विधिपूर्वक पूजा करें।
- धनतेरस मंत्र का जाप करें:
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।” - माँ लक्ष्मी को कमल के फूल और धन्वंतरि भगवान को तुलसी पत्र चढ़ाएँ।
3. दीपदान (यमराज के लिए दीप जलाना)
- घर के मुख्य द्वार पर एक दीया दक्षिण दिशा की ओर जलाएँ।
- इसे “यम दीप” कहा जाता है, जो अकाल मृत्यु से रक्षा करता है।
धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए? (Dhanteras Shopping Tips)
धनतेरस पर खरीदारी को शुभ और सौभाग्य लाने वाला माना जाता है। इस दिन निम्नलिखित चीजें खरीदना शुभ होता है:
- सोना-चाँदी और आभूषण – इससे आर्थिक समृद्धि बढ़ती है।
- बर्तन (स्टील, चाँदी, पीतल, तांबा) – यह धन वृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
- धन्वंतरि प्रतिमा या तुलसी का पौधा – यह स्वास्थ्य लाभ के लिए शुभ होता है।
- झाड़ू खरीदना – इससे घर में दरिद्रता दूर होती है।
- नया वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स या प्रॉपर्टी खरीदना शुभ होता है।
क्या न खरीदें:
- लोहे की वस्तुएँ
- कांच या प्लास्टिक के सामान
धनतेरस पर किए जाने वाले विशेष उपाय (Dhanteras Ke Upay)
- गाय को हरा चारा खिलाएँ – इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- मुख्य दरवाजे पर स्वस्तिक बनाकर माँ लक्ष्मी का स्वागत करें।
- “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें – इससे धन की वृद्धि होती है।
- धनतेरस पर चांदी का सिक्का खरीदें और तिजोरी में रखें – यह आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है।
- गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन दान करें – इससे पुण्य मिलता है।
धनतेरस 2025 के लिए शुभकामना संदेश और शायरी
- “धनतेरस का यह पावन त्योहार, लाए खुशियाँ अपार। धन की हो बारिश, घर में आए सुख-समृद्धि बार-बार!”
- “सोने-चाँदी से चमके आपका संसार, माँ लक्ष्मी का रहे सदा आभार। शुभ धनतेरस!”
- “दीप जले, लक्ष्मी आएँ, हर दिन आपका जीवन धन-धान्य से भर जाए!”
- “धनतेरस पर माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद मिले, घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे!”
- “सफलता आपके कदम चूमे, धन-वैभव की कोई कमी न हो, धनतेरस की शुभकामनाएँ!”
निष्कर्ष
धनतेरस केवल धन और समृद्धि का पर्व नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और सौभाग्य का भी प्रतीक है। इस दिन की गई पूजा और शुभ कार्यों से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
इस धनतेरस 2025 को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएँ और माँ लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर का आशीर्वाद प्राप्त करें। 🙏✨