वैकुंठ एकादशी (Vaikuntha Ekadashi) हिंदू धर्म में सबसे शुभ और महत्वपूर्ण एकादशियों में से एक मानी जाती है। इसे दक्षिण भारत में “मुक्कोटी एकादशी” के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है और मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है और वैकुंठ धाम के द्वार खुलते हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु अपने भक्तों के लिए वैकुंठ के द्वार खोलते हैं। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन के समस्त कष्ट समाप्त होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वैकुंठ एकादशी 2025 कब है? (Vaikuntha Ekadashi 2025 Date & Time)
वैकुंठ एकादशी 5 जनवरी 2025 (रविवार) को मनाई जाएगी।
घटना | समय (IST) |
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एकादशी तिथि प्रारंभ | 4 जनवरी 2025, रात 04:15 बजे |
एकादशी तिथि समाप्त | 5 जनवरी 2025, सुबह 06:30 बजे |
व्रत पारण का समय | 6 जनवरी 2025, सुबह 07:00 से 09:15 बजे तक |
वैकुंठ द्वार दर्शन का समय | 5 जनवरी 2025, प्रातःकाल मंदिरों में विशेष पूजा के दौरान |
वैकुंठ एकादशी का धार्मिक महत्व
1. वैकुंठ धाम के द्वार खुलने का पर्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के लोक “वैकुंठ” के द्वार खुलते हैं और जो भक्त इस दिन व्रत करते हैं, उन्हें मृत्यु के पश्चात सीधे वैकुंठ धाम में प्रवेश मिलता है।
2. मोक्ष प्राप्ति और पापों से मुक्ति
शास्त्रों में कहा गया है कि वैकुंठ एकादशी के व्रत से जन्म-जन्मांतर के पाप समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का वरदान मिलता है।
3. श्रीमन नारायण की विशेष कृपा
इस दिन विष्णु मंदिरों में वैकुंठ द्वार खोला जाता है, जहाँ भक्तों को भगवान के विशेष दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है।
4. यह दिन देवताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवता भी वैकुंठ एकादशी का व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की आराधना करते हैं।
वैकुंठ एकादशी की व्रत कथा (Vaikuntha Ekadashi Vrat Katha)
वैकुंठ एकादशी से जुड़ी पौराणिक कथा
प्राचीन काल में एक राजा महिजीत था, जिसे संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी। उसने अपने राज्य के ऋषियों से उपाय पूछा। ऋषियों ने बताया कि राजा ने पूर्व जन्म में कई पाप किए थे, जिसके कारण उन्हें संतान सुख नहीं मिल रहा।
ऋषियों ने राजा को वैकुंठ एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। राजा ने विधिपूर्वक यह व्रत किया और कुछ समय बाद उसे एक पुण्यात्मा पुत्र की प्राप्ति हुई।
इस कथा से यह प्रमाणित होता है कि वैकुंठ एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वैकुंठ एकादशी व्रत विधि (Vaikuntha Ekadashi Puja Vidhi)
1. व्रत का संकल्प और स्नान
- प्रातःकाल गंगा स्नान करें या शुद्ध जल से स्नान करें।
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
- व्रत का संकल्प लें और दिनभर उपवास रखें।
2. भगवान विष्णु की पूजा
- भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसी, धूप, दीप और पंचामृत अर्पित करें।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
- भगवान विष्णु को भोग में फल, मिष्ठान्न और पंचामृत अर्पित करें।
3. वैकुंठ द्वार दर्शन
- इस दिन विष्णु मंदिरों में वैकुंठ द्वार खोला जाता है, जहाँ जाकर भक्त भगवान के दर्शन करते हैं।
4. व्रत पारण (अगले दिन)
- द्वादशी के दिन सूर्योदय के बाद तुलसी जल ग्रहण कर व्रत पारण करें।
- ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएँ और दान दें।
वैकुंठ एकादशी व्रत करने के लाभ (Vaikuntha Ekadashi Vrat Benefits)
- इस व्रत को करने से जन्म-जन्मांतर के पाप समाप्त हो जाते हैं।
- मोक्ष की प्राप्ति होती है और व्यक्ति वैकुंठ धाम जाता है।
- जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
- धार्मिक कार्यों में मन लगता है और आत्मिक शुद्धि होती है।
- शत्रु बाधा और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
वैकुंठ एकादशी पर किए जाने वाले विशेष उपाय (Vaikuntha Ekadashi Ke Upay)
- भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीप जलाएँ और 108 तुलसी पत्र अर्पित करें – इससे मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
- गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें – इससे पुण्य लाभ प्राप्त होता है।
- गाय को गुड़ और चने खिलाएँ – यह विशेष फलदायी माना जाता है।
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें – इससे सभी ग्रह दोष शांत होते हैं।
- विष्णु भगवान की मूर्ति या शालिग्राम का जलाभिषेक करें – इससे आर्थिक समृद्धि आती है।
वैकुंठ एकादशी 2025 के लिए शुभकामना संदेश और शायरी
- “भगवान विष्णु का आशीर्वाद आप पर सदा बना रहे, वैकुंठ एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएँ!”
- “हरि के द्वार खुले हैं आज, पाप और मोह से मुक्ति पाईए, शुभ वैकुंठ एकादशी!”
- “भगवान नारायण के चरणों में स्थान मिले, वैकुंठ धाम की यात्रा सफल हो!”
- “वैकुंठ के द्वार खुले हैं भक्तों के लिए, भगवान विष्णु की कृपा से जीवन सुखमय बने!”
- “श्री हरि की कृपा बनी रहे, आपके जीवन में समृद्धि और शांति आए!”
निष्कर्ष
वैकुंठ एकादशी मोक्ष प्राप्ति, पापों से मुक्ति और भगवान विष्णु की कृपा पाने का दिव्य अवसर है। इस दिन व्रत, पूजा और दान-पुण्य करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और वैकुंठ धाम के द्वार खुलते हैं।
इस वैकुंठ एकादशी 2025 को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएँ और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करें। 🙏✨