बांग्लादेश बॉर्डर पर चल रही फेंसिंग में अड़चन और अवैध घुसपैठियों के आधार कार्ड जारी होने का मामला संसद में चर्चा का विषय बन गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में खुलकर बताया कि किस प्रकार पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध न कराए जाने के कारण फेंसिंग के काम में रुकावट आ रही है और अवैध बांग्लादेशी कैसे आधार कार्ड प्राप्त कर दिल्ली में प्रवेश कर रहे हैं। इस लेख में हम विस्तार से इस मामले की पूरी जानकारी और राजनीतिक तकरार को समझेंगे।
फेंसिंग की वर्तमान स्थिति
- बॉर्डर की लंबाई:
भारत की बांग्लादेश सीमा कुल 2216 किमी है, जिसमें से 1653 किमी तक बाड़ बन चुकी है। - सेज फेंसिंग की समस्या:
कुल 563 किमी सेज फेंसिंग अभी भी खुली है, जिसमें 112 किमी ऐसे इलाके हैं जहाँ नदी, नाले, और पहाड़ियों के कारण फेंसिंग नहीं हो सकती। - 450 किमी फेंसिंग में अड़चन:
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि 450 किमी की फेंसिंग के निर्माण में तब बाधा आ रही है जब पश्चिम बंगाल सरकार जमीन उपलब्ध कराने से इनकार कर रही है। “जमीन दे दीजिए, समस्या हमेशा के लिए खत्म” – यह बयान गृह मंत्री अमित शाह का मुख्य तंज था।
राजनीतिक विवाद और आधार कार्ड का मुद्दा
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि अवैध बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल से घुसकर आते हैं और 24 परगना से जारी आधार कार्ड एवं वोटर कार्ड के माध्यम से दिल्ली तक पहुंच जाते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि:
- बंगाल सरकार की भूमिका:
बंगाल सरकार द्वारा जमीन नहीं देने के कारण फेंसिंग के काम में रुकावट आ रही है। शाह का कहना है कि अगर जमीन उपलब्ध कराई जाती, तो इस समस्या का समाधान संभव हो जाता। - आधार कार्ड जारी करने का रहस्य:
पश्चिम बंगाल में ही अवैध बांग्लादेशियों के आधार कार्ड बन रहे हैं। ये कार्ड उनके नागरिकता का झूठा प्रमाणपत्र बनकर उन्हें दिल्ली तक घुसपैठ करने में मदद कर रहे हैं। - BSF का प्रयास:
सीमा पर भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) अवैध घुसपैठ को रोकने में जुटा हुआ है, लेकिन उपलब्ध फेंसिंग की कमी के कारण संकट बड़ा हुआ है।
संसद में उठे सवाल और विपक्षी टिप्पणी
संसद में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि बंगाल सरकार जानबूझकर जमीन नहीं दे रही है ताकि घुसपैठियों को सपोर्ट मिल सके।
- राजनीतिक तंज:
अमित शाह ने कहा, “मैं सब कुछ बताने के लिए तैयार हूं, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के लोग सदन छोड़कर नहीं जाएंगे।” इस बयान से स्पष्ट होता है कि फेंसिंग और अवैध प्रवेश का मुद्दा राजनीतिक लड़ाई में भी तब्दील हो चुका है। - बीजेपी और TMC के बीच मतभेद:
बीजेपी नेता सौमित्र खान ने भी इस बात पर जोर दिया कि बंगाल सरकार जमीन नहीं देने से BSF का काम प्रभावित हो रहा है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने इसे भाजपा की राजनीतिक चाल बताया है।
समाधान के उपाय और आगे की कार्रवाई
गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि यदि बंगाल सरकार जमीन उपलब्ध कराती है, तो 450 किमी की फेंसिंग को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई बार लेटर देकर अनुरोध किया है, परंतु जमीन नहीं मिलने के कारण काम ठप पड़ गया है।
- संभावित समाधान:
- जमीन उपलब्ध कराना:
यदि बंगाल सरकार जमीन दे देती है, तो फेंसिंग के निर्माण में तेजी लाई जा सकती है और अवैध घुसपैठ पर अंकुश लगाया जा सकता है। - सख्त कानूनी कार्रवाई:
अवैध आधार कार्ड जारी करने और घुसपैठ के मामलों में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। - संबंधित एजेंसियों की सक्रियता:
BSF और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा ताकि सीमा सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
- जमीन उपलब्ध कराना:
निष्कर्ष
बांग्लादेश बॉर्डर पर फेंसिंग के कार्य में अड़चन और अवैध बांग्लादेशियों के आधार कार्ड जारी होने का मामला न केवल सुरक्षा के लिहाज से चिंताजनक है, बल्कि राजनीतिक विवाद का भी कारण बन चुका है। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में स्पष्ट किया कि यदि जमीन उपलब्ध कराई जाती है, तो 450 किमी की फेंसिंग बिना किसी रुकावट के पूरी की जा सकती है। इस कदम से न केवल अवैध घुसपैठ पर रोक लगेगी, बल्कि सीमा सुरक्षा में सुधार होगा और नागरिकता से जुड़ी गलत धारणाओं पर भी प्रश्न उठेंगे।