By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Aaj Kya Hai Aaj Kya Hai
  • होमहोमहोम
  • तिथि
  • पंचांग
  • शुभ मुहूर्त
  • त्यौहार
  • राष्ट्रीय दिवस
  • जन्मदिन
  • राशिफल
Sign In
Aaj Kya HaiAaj Kya Hai
Font ResizerAa
  • होमहोमहोम
  • तिथि
  • पंचांग
  • शुभ मुहूर्त
  • त्यौहार
  • राष्ट्रीय दिवस
  • जन्मदिन
  • राशिफल
Search
  • होमहोमहोम
  • तिथि
  • पंचांग
  • शुभ मुहूर्त
  • त्यौहार
  • राष्ट्रीय दिवस
  • जन्मदिन
  • राशिफल
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Advertise with us
  • Newsletters
  • Complaint
  • Deal
© {year} Foxiz. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Aaj Kya Hai > धर्म संसार > पंचांग > क्यों जरूरी है Nirjala Ekadashi में दान देना। जल्दी पूरी होती है मनोकामना

क्यों जरूरी है Nirjala Ekadashi में दान देना। जल्दी पूरी होती है मनोकामना

Share
क्यों जरूरी है Nirjala Ekadashi में दान देना। जल्दी पूरी होती है मनोकामना
Nirjala Ekadashi में दान

निर्जला एकादशी हिंदू धर्म का अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है, जिसमें भक्त निर्जल अर्थात् सब प्रकार के जल के त्याग के साथ पूरे दिन केवल तुलसी के पत्ते ग्रहण करते हैं। इस तिथि का महत्व केवल व्रत रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि इस दिन किया जाने वाला दान विशेष फलदायी माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों एवं पुराणों में दान को विशिष्ट पुण्यशील क्रिया बताया गया है, और एकादशी के जैसे महत्‍वपूर्ण दिवस पर किया गया दान इसके प्रभाव को और भी बढ़ा देता है। यहाँ पर निर्जला एकादशी पर दान करने के महत्व को विभिन्न दृष्टिकोणों से स्पष्ट किया गया है।

Read This Also: Nirjala Ekadashi व्रत कि पौराणिक कथा


1. Nirjala Ekadashi में दान के प्रायश्चित एवं पापशोधन के रूप में महत्व

  1. पापों का निवारण
    • पुराणिक कथाओं के अनुसार, निर्जला एकादशी पर किया गया दान व्यक्ति के पूर्वजन्मों के पापों का नाश कर देता है। चूँकि इस व्रत में जल का त्याग अत्यंत कठिन माना जाता है, जिस कारण भक्त की तपस्या और त्याग स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है। इस तपस्या के साथ दान करने पर क्षमाप्रार्थना का प्रभाव दोगुना हो जाता है और पाप तुरंत शुद्ध हो जाते हैं।
  2. मोक्ष की प्राप्ति में सहायक
    • श्रीमद्भागवत, प्रश्नपर्व आदि पुराणों में उल्लेख है कि एकादशी तिथि का व्रत और दान मिलकर जीव को मोक्षमार्ग की ओर अग्रसर करते हैं। विशेषतः निर्जला एकादशी दान से जीवात्मा को जन्म-मरण के चक्र से छुटकारा पाने की ब्राह्मणीय कृपा मिलती है।

2. Nirjala Ekadashi में श्रीहरि विष्णु प्रसन्नता एवं आशीर्वाद

  1. भगवान विष्णु की अति कृपा
    • एकादशी के दिन दान करने से भगवान विष्णु स्वयं प्रसन्न होते हैं। निर्जला एकादशी का दान विशेषतः चार लोकों (भू, आत्मा, पाताल, स्वर्ग) में सुख-शांति की प्राप्ति कराता है। भोग विलास की अत्यधिक वैभवशाली देवता को प्रदान किया गया दान विष्णु भक्ति को स्थिर करता है और देवताओं के आशीर्वाद से भोग-विलास के बंधन से मुक्त करता है।
  2. विष्णु स्तोत्रों का महत्व
    • दान से पूर्व नमो नारायण मंत्र स्मरण करते हुए विष्णुस्तोत्र या एकादशी कथा का श्रवण-पालन करना चाहिए। इससे दान का पुण्य अधिकाधिक दोगुना हो जाता है और भक्त को भगवान के दर्शन की सिद्धि प्राप्त होती है।

3. Nirjala Ekadashi में दान की स्वरूप-विविधताएँ एवं उनकी महत्ता

  1. अन्न-दान (वस्तुक रूपी दान)
    • चावल, गेहूँ, दाल, घी, चीनी, गुड़, दूध, घी-वरण इत्यादि का दान करना अत्यंत शुभ होता है। निर्जला एकादशी के दिन जैसे स्वयं ब्राह्मणों या ज़रूरतमंदों को शुद्ध अन्न प्रदान किया जाए, वह परिवार में समृद्धि तथा परिवार के आरोग्य का मार्ग प्रशस्त करता है।
    • उदाहरण: यदि कोई ब्राह्मण दाल-चावल और घी-पूर्ण आहार ब्रात्य(भोजन करने वाले) को खिलाए, तो उसके पूर्वजों को सुख-शांति और स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है।
  2. तुलसी-पौधों का दान
    • तुलसी बुधवार या एकादशी पर तुलसी-पौधा दान करने से लक्ष्मी-विष्णु की अनुकम्पा होती है। तुलसी को देवी का रूप मानकर उसे दान देने से घर में वैभव एवं सौभाग्यवृद्धि होती है। अनेक पुराणों में कहा गया है कि तुलसी का पौधा किसी भी देवालय या गृहस्थाश्रम में लगाने अथवा दान करने से जीव का जन्म-त्रिपदा (तीन लोकों में) समाप्त हो जाता है।
  3. जल-दान
    • निर्जला एकादशी पर स्वयं निर्जल रहने के बावजूद दूसरों को जल की व्यवस्था कराना अतिशय पुण्यकारी है। यदि कोई कूप, कुआँ, तालाब, टैंक आदि की सफाई कराकर जलदान करता है या गरीबों को शुद्ध जल उपलब्ध कराता है, तब उसे “देवताओं के स्वरोंूप में” दान का फल प्राप्त होता है।
  4. कमज़ोड़ों (विकलांगों) की सेवा-दान
    • इस दिन अल्पवसना, असहाय वृद्धों, अनाथों, असहाय पशुओं—विशेषतः गाय, भेड़, बछड़े आदि—को भोजन, वस्त्र, दवाइयाँ देने का बहुत महत्व है। इससे परमपुण्य की प्राप्ति होती है और भगवद्भक्ति में प्रगल्भता आती है।
  5. धन-दान
    • ब्राह्मण, मुनि, तपस्वी, निर्धन शैक्षिक संस्थाओं (विद्यालय, गुरुकुल, आश्रम) को आर्थिक सहायता भी अत्यंत शुभ होती है। आधुनिक युग में अस्पताल, आश्रम या वृद्धाश्रम आदि को आर्थिक सहयोग करने से भी दान का पुण्य प्राप्त होता है।

4. Nirjala Ekadashi में दान से होने वाले लाभ

  1. परिवार में सुख-समृद्धि
    • पुरातन मान्यता है कि जब कोई घरवाला निर्जला एकादशी के दिन दान करता है, तो उसके घर में आर्थिक संकट दूर होता है, ऐश्वर्य की वृद्धि होती है और परिवार के सभी सदस्य स्वस्थपूर्ण जीवन यापन करते हैं।
  2. संतान-संपत्ति की वृद्धि
    • दानकर्मी को पुत्र लाभ, संतान का कल्याण, संपत्ति की वृद्धि तथा वैभव की प्राप्ति होती है। खासकर माता-पिता के कष्टों का निवारण तथा उनकी समृद्धि के लिए पुत्रत्वविधाता देवों की कृपा प्राप्त होती है।
  3. पारिवारिक कलह का निवारण
    • दानशीलता से गृहस्थाश्रम का सौहार्द बढ़ जाता है। पारिवारिक कलह एवं मतभेद समाप्त होकर सभी सदस्यों में प्रेम-भाव होता है।
  4. पापशोधन एवं पुण्यबुद्धि
    • निर्जला एकादशी के दिन दान से उपजे पुण्य से कई जन्मों तक अक्षय लाभ मिलते हैं। साथ ही दानकर्ता का मन लोभ से मुक्त हो जाता है, जिससे आगामी जीवन में भी वह दानशील बनने के लिए प्रेरित होता है।
  5. भगवद्भक्ति में वृद्धि
    • दान के साथ शुद्ध निष्ठा एवं भक्ति का संयोग होने पर भक्त का मन ईश्वर के प्रति दृढ़ हो जाता है। यह भक्ति के माध्यम से आत्मस्वरूप की अनुभूति का मार्ग प्रशस्त करती है।

5. Nirjala Ekadashi में दान करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  1. शुद्ध मन से दान करें
    • खाली दिखावे या आत्मग्लानि की भावना से नहीं, अपितु पूर्ण श्रद्धा एवं समर्पित हृदय से दान करना चाहिए। मानसिक शुद्धि के साथ किया गया दान ईश्वर की सर्वाधिक प्रिय सेवा है।
  2. सत्कार्य के लिए निश्चय
    • एकादशी के दिन किए गए दान का निश्चय पूर्वक करने से फल निश्चित रूप से प्राप्त होता है। यदि दान की राशि या वस्तु कम लगे, तब भी मन में प्रसन्नता रखकर दे देना चाहिए।
  3. दान के पश्चात अहंकार त्यागें
    • दान देते समय किसी प्रकार का घमंड नहीं करना चाहिए। सरलता, नम्रतापूर्वक और शालीनता से दान करना उत्तम माना गया है।
  4. दान का उल्लेख सार्वजनिक रूप से न करें
    • श्रेष्ठ ग्रंथ कहते हैं कि दान किए जाने की घोषणा करने से उसका फल नगण्य हो जाता है। अतः गुप्त रूप से परोपकार करने का प्रयास करें।

6. Nirjala Ekadashi में प्रमुख दान के उदाहरण एवं श्लोक

  1. कंपनीका तर्पण दान
    • भूत-पितरों के हित के लिए तर्पण-दान करना चाहिए। दान के साथ गृहस्थ कृमिराज ब्राह्मणों को भोजन कराकर तर्पण देना चाहिए—“ॐ पितृभ्यो नमः” मंत्र के साथ।
  2. अनाज जल (पानी) दान
    • निर्जला एकादशी में स्वयं जल त्याग कर दूसरों को जलदान करना श्रेष्ठ।
  3. चौरडावा दान
    • बछड़ों, गायों, भेड़ों आदि को चारे का दान करने से गोभक्ति की प्राप्ति होती है।

उदाहरण श्लोक (दान का महत्त्व बताते हुए):

“एकादशी व्रते दानं पुन्यं वेदेषु यथोक्तम्।
पुण्येनैव हि तद्व्रता दत्ते य: शुचः समाहित:।।”
— वल्मीकि रामायण


निष्कर्ष

निर्जला एकादशी पर किया गया दान केवल तत्कालिक पुण्य ही नहीं दिलाता, बल्कि जीवात्मा को मोक्षमार्ग की ओर अग्रसर करता है। जल-त्याग की कठिन तपस्या जब दान की उदारता से संयुक्त होती है, तब उसकी महिमा और बढ़ जाती है। भक्ति-भाव से की गई वस्तु, अन्न, तुलसी-पौधा, जल, द्रव्‍य या धन-दान से प्राप्त पुण्य से आत्मा को शुद्धि, परिवार को सौभाग्य, राष्ट्र को समृद्धि मिलती है। अतः प्रत्येक श्रद्धावान भक्त को इस एकादशी पर दान-व्रत का पालन आत्मीय श्रद्धा के साथ करना चाहिए, ताकि विष्णु-प्रसाद से जीवन भर सुख-शांति एवं सौभाग्य की प्राप्ति हो सके।

Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn Copy Link
Previous Article निर्जला एकादशी व्रत कि पौराणिक कथा Nirjala Ekadashi व्रत कथा
Next Article Lalima Abhiyan लालिमा अभियान Lalima Abhiyan: एनीमिया मुक्त भारत की ओर एक कदम
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow Up On

FacebookLike
TwitterFollow
YoutubeSubscribe
TiktokFollow

यह भी पढ़े

Chhath Puja 2025

क्यों ख़ास है Chhath Puja 2025: जानिए अद्भुत रहस्य, तिथि और मान्यताएं!

Best Friends day

Best Friends Day – 8 June

edin rose connection with shreyash iyer

Love Triangle ने बढ़ाई सुर्खियाँ: पहले Dhanashree अब Edin Rose संग चर्चा में

Bear Grylls

Bear Grylls का जन्मदिन: 7 मार्च

Eid Mubarak

Eid Mubarak – ईद मुबारक – रोमांचक और भावनात्मक बकरीद 2025

द्वितीया तिथि

द्वितीया तिथि

- Advertisement -
Ad image

You Might Also Like

द्वितीया तिथि
तिथि

द्वितीया तिथि

6 Min Read
प्रतिपदा (प्रथमा) तिथि
तिथि

प्रतिपदा (प्रथमा) तिथि का महत्व, व्रत, पूजा, कथा और पर्व

6 Min Read
निर्जला एकादशी व्रत कि पौराणिक कथा
धर्म संसारपंचांग

Nirjala Ekadashi व्रत कथा

9 Min Read
शिव चालीसा
चालीसाधर्म संसार

Shiv Chalisa – शिव चालीसा हिंदी में अर्थ सहित: सम्पूर्ण पाठ और महत्व

8 Min Read

About Us

AajKyaHai.com आपका अपना डिजिटल मंच है, जहाँ आपको प्रतिदिन की तिथि, पंचांग, राशिफल, त्यौहार, भक्ति सामग्री, प्रसिद्ध जन्मदिन और ज्योतिषीय जानकारियाँ एक ही स्थान पर मिलती हैं। हमारा उद्देश्य भारतीय संस्कृति, धार्मिक परंपराओं और दैनिक आवश्यक जानकारी को सरल, सटीक और रोचक तरीके से प्रस्तुत करना है।

  • होमहोमहोम
  • तिथि
  • पंचांग
  • शुभ मुहूर्त
  • त्यौहार
  • राष्ट्रीय दिवस
  • जन्मदिन
  • राशिफल
  • होमहोमहोम
  • तिथि
  • पंचांग
  • शुभ मुहूर्त
  • त्यौहार
  • राष्ट्रीय दिवस
  • जन्मदिन
  • राशिफल
Copyright 2024
  • Home
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact
  • Home
  • तिथि
  • पंचांग
  • राशिफल
Go to mobile version
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?